इंदौर

स्वमी मुकुंदानंद के प्रेरक आशीर्वचन : पुस्तक का गोल्डन रूल्स का लोकार्पण

Paliwalwani
स्वमी मुकुंदानंद के प्रेरक आशीर्वचन : पुस्तक का गोल्डन रूल्स का लोकार्पण
स्वमी मुकुंदानंद के प्रेरक आशीर्वचन : पुस्तक का गोल्डन रूल्स का लोकार्पण

यदि  मन रूपी साफ्टवेयर करप्ट होगा तो बुद्धि रूपी हार्डवेयर कुछ नहीं कर पाएगा

इंदौर :

बुद्धि एक हार्डवेयर है और मन उसका साफ्टवेयर। यदि साफ्टवेयर करप्ट होगा तो हार्डवेयर कुछ नहीं कर सकता, इसीलिए दोनों का ठीक होना आवश्यक है। मन और बुद्धि के समन्वय से ही हम जीवन के झंझावतों का मुकाबला कर सकते हैं। मन को समझाना बड़ा मुश्किल काम है। मन को गंदा करने में देर नहीं लगती, लेकिन मन को निर्मल बनाना बड़ी चुनौती है। यह काम कोई और नहीं स्वयं हमे ही करना होगा।

ये प्रेरक विचार हैं जगदगुरू  कृपालु महाराज के शिष्य विख्यात प्रवक्ता, वैदिक विद्वान एवं भक्तिमार्गीय संत तथा आई.आई.टी. ओर  आई.आई.एम. से सुशोभित स्वामी मुकुंदानंद के जो उन्होंने आज शाम जाल सभागृह में राधाकृष्ण सत्संग समिति के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रवचनमाला के दूसरे दिन व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मन पर विजय पाना सबसे बड़ा काम है। मनुष्य को मन पर विजय पाने के लिए बहुत ज्यादा आत्म संयम की जरूरत होती है।

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