इंदौर
indoremeripehchan : इंदौर नगर निगम की पीली गैंग कि कार्रवाई का चाबुक सिर्फ गरीबों पर हीं क्यों चलता है?
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क्रांतिकारी इंदौर
रिमूवल गैंग की कार्रवाई के विरोध में दुकानदार ने खुद हीं अपना माल सडक पर फेका
इंदौर. इंदौर नगर निगम द्वारा शहर में अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी है। इस अभियान के तहत सड़क किनारे दुकान लगाने वाले गरीब दुकानदारों पर कार्रवाई की जा रही है। हाल हीं में सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्रेंड हो रहा है। जिसमें एक दुकानदार निगम की इस कार्रवाई से परेशान हो कर अपनी हीं दुकान का सारा सामान सडक पर फेकता दिखाई पड़ रहा है।
पूरा मामला इंदौर के गोपुर चौराहा पर सडक किनारे गाडी लगाकर जूस और आइसक्रीम बेचने वाले दुकानदार का है। इंदौर नगर निगम की रिमूवल गैंग ने उक्त दुकान लगाने वाले को अपनी गाडी(दुकान) सडक किनारे से हटाने को कहा, जिसको लेकर उक्त दुकानदार व निगम की पीली गैंग के बीच पहले तो विवाद हुआ। जिसके बाद परेशान हो कर उक्त दुकानदार ने अपनी दुकान का सारा माल सडक पर फेक दिया। दुकानदार ने आरोप लगाते हुए बताया की, निगम की गैंग हर बार परेशान करती है। हम गरीबों को कोई काम नहीं करने देता। बड़े बड़े शोरूम के मालिक फुटपाथ पर अतिक्रमण कर अपना काम आसानी से करते है, उनपर कोई क्यों कार्रवाई नहीं करता?
आपको बता दे, कुछ दिन पूर्व महू नाके पर हुई नगर निगम की पीली गैंग की कार्रवाई को लेकर 'क्रांतिकारी इंदौर' ने एक वीडियो भी वायरल किया था। उक्त वीडियो में एक महिला सब्जी विक्रेता ने इंदौर नगर निगम की रिमूवल टीम को जम कर लथेडा था। बताया जा रहा है की, कुछ महिला सब्जी विक्तेताओं ने नव नियुक्त उपायुक्त पर भी हमला कर दिया था। जिस कारण उनकों वहाँ से भागना पड़ा था।
गरीब सब्जी विक्रेताओं ने उस समय भी निगम की रिमूवल गैंग पर आरोप लगाया था की उन्होंने दुकान से सब्जी व फल से भरे कैरेट व टोकरिया जब्त करली, जो के नियम विरुद्ध है। उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। जिसपर इंदौरवासियों ने खुब कमेंट भी किये। शहर के कई नागरिकों ने इस कार्रवाई को सहीं बताया। वहीं, कितनो ने निगम की इस कार्रवाई को बर्बरता का उदाहरण दिया।
इंदौर व देशभर की जनता से अपील है की कृपया कर इन कार्रवाई को लेकर आप अपनी प्रतिक्रियाये क्रांतिकारी इंदौर से शेयर करे। जिससे आमजन के साथ साथ सिस्टम में बैठे आला अधिकारी के अलावा हमारे द्वारा चुने नेताओं को हमारे मन की बात का आभास हो की, हम आख़िर चाहते क्या है.