इंदौर

indore news : सडक पर घूम रहे है, निगम के काल : पानी के टैंकर : पैसे के लालच में नहीं करा रहे रिपेयर

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indore news : सडक पर घूम रहे है, निगम के काल : पानी के टैंकर : पैसे के लालच में नहीं करा रहे रिपेयर
indore news : सडक पर घूम रहे है, निगम के काल : पानी के टैंकर : पैसे के लालच में नहीं करा रहे रिपेयर

कर्मचारी का कहना, गाड़ी वर्कशॉप में दी तो वहीं जमा हो जाएगे-सीजन है, अभी हमारा

इंदौर. रितेश संघवी

इंदौर की सड़कों पर नगर निगम के 'काल' पानी के टैंकरों के रूप में शहरभर में खुले आम घूम रहे है। एक टैंकर पर चल रहे कर्मचारी का कहना है की अगर टैंकर को वर्कशॉप भेजा तो पता नहीं कब हमे वापस दूसरा टैंकर मिलेगा। अभी गर्मी के सीजन में पानी की ज्यादा किल्लत है, जिससे पानी के टैंकरों की डिमांड रहती है। यही टाइम होता है हमारा कमाने का।

पूरा मामला वार्ड 47 का है। जहाँ खुले आम एक टैंकर 'काल' के रूप में घूम रहा है और किसी अनहोनी होने का इंतजार कर रहा है। टैंकर को जब देखा गया तो इसके सारे अस्ति पिंजर हिले हुए नजर आ रहे थे। मानो एक ठोकर में सूखे पत्तों की तरह बिखर जाए।  साथ ही टैंकर के आगे का हिस्सा पूरी तरह खस्ता हाल में दिख रहा था। टैंकर जिस किसी के घर पानी देने जा रहा था वहां के रहवासी उसको देखकर डर के मारे 10 फिट दूर से अपने अपने घरों में पानी डलवा रहे थे। 

नंबर प्लेट गायब

उक्त पानी के टैंकर की आगे की नंबर प्लेट गायब थी। बॉडी की फिटनेस की बात करे तो ऐसा लगता है कैसे सालों से इसका फिटनेस टेस्ट नहीं कराया हो। ड्राइवर खुलेआम वार्ड 47 की बस्ती व कॉलोनियों की सड़कों पर दौड़ रहा है। 

कभी भी हो सकती है गंभीर दुर्घटना 

शहर में आए दिन सडक दुर्घटना की खबर सुनने को मिलती है। ऐसे में ऐसी लापरवाही कभी भी गंभीर दुर्घटना को अंजाम दे सकती है। 

गर्मी का सीजन आते ही पानी टैंकर के मालिक व ड्राइवरों के 'पौ बारह'

गर्मी आते ही शहर भर में सबसे पहले पानी की किल्लत शुरु हो जाती है। इस बार गर्मी ने 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिस कारण शहर के अधिकांश क्षेत्रों के बोरिंग सुख गये है। इसी सीजन में पानी टैंकरों के मालिकों और ड्राइवरों के 'पौ बारह' हो जाती है। गर्मी की सीजन में निगम से लेकर प्राइवेट टैंकरों की मांग बढ़ जाती है।

इन टैंकरों से सबसे पहले पानी उन्हें मिलता है जो नगद भुकतान कर बुक करा लेते है। उसके बाद वो जो रसुखदार है। उसके बाद गर पानी बचा तो आम जानता को मिलता है वो भी गिनती के मिनट भर। पानी के टैंकरों को लेकर शहर में कई बार हमले हो चुके है। सूत्रों से पता चला है की लोकसभा चुनाव के दिन एक नेता पर हुए का हमला भी पानी माफिया द्वारा ही किया गया था।

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