इंदौर
indore news : तुलसी नगर इंदौर के रहवासियों ने दी आमरण-अनशन करने की चेतावनी
Anil Bagoraइंदौर :
- स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ पर तुलसी नगर के रहवासियों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि यदि स्थानीय शासन, प्रशासन तथा प्रदेश सरकार द्वारा 15 दिनों के भीतर तुलसी नगर कॉलोनी को विधिवत वैध करने की घोषणा नहीं की गई तो रहवासी एवं क्षेत्र के लोग सड़क पर उतरकर संघर्ष करेंगे। इसके अंतर्गत शांतिपूर्ण तरीके से धरना, प्रदर्शन, उपवास तथा उसके पश्चात आमरण-अनशन करेंगे।
श्री तुलसी-सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी तथा वार्ड 36 - 37 रहवासी महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि तुलसी नगर के नियमितीकरण की आधिकारिक घोषणा 15 दिनों के भीतर नहीं की गई तो रहवासी न सिर्फ विरोध एवं अनशन करने पर बाध्य होंगे बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे, जिसमें तुलसी नगर के रहवासियों के अलावा क्षेत्र के अन्य कॉलोनियों के लोग भी शामिल होंगे।
वार्ड क्रमांक 36-37 रहवासी महासंघ के संयोजक के के झा, अध्यक्ष राजेश तोमर, तुलसी-सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी के मार्गदर्शक शम्भुनाथ सिंह, सचिव शिव बहादुर सिंह, संजय यादव, विवेक शर्मा, महीप धींग, भगवान झा, शारदा सिंह, अर्चना सचान, ज्योति ठक्कर राजेश वैष्णव, प्रमोद तिवारी मनीष सिंह, भरत पटेल की अगुवाई में सामूहिक संकल्प लिया गया। रहवासियों ने स्थानीय शासन के तुलसी नगर कॉलोनी के नियमितीकरण को लेकर टालमटोल रवैये पर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नगर निगम, प्रशासन के अधिकारियों द्वारा तुलसी नगर के शीघ्र नियमितीकरण को लेकर दिलासा दिया गया पर उनके लम्बे इंतज़ार का अंत अब तक नहीं हो पाया है।
रहवासी महासंघ के राजेश तोमर एवं केके झा ने कहा कि तुलसी नगर के नियमितीकरण नहीं होने से रहवासियों के विरोध एवं चेतावनी का संज्ञान लेते हुए तीन महीने पूर्व 23 मई 2023 महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा रहवासियों के प्रतिनिधिमंडल को तुलसी नगर के नवीनतम लेआउट का तीन दिनों के अंदर प्रकाशन तथा कॉलोनी को 15 दिनों में नियमतिकरण करने की घोषणा की गई थी। इसके बावजूद तुलसी नगर के रहवासी नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॉलोनी के लेआउट के प्रकाशन के पश्चात प्रशासन द्वारा रहवासियों के आपत्तियों को प्राप्त करने महीनों बाद भी तुलसी नगर के नियमितीकरण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया गया है। इस बीच रहवासी अनेक बार स्थानीय विधायक महेंद्र हार्डिया से लेकर कलेक्टर, मेयर, एसडीएम तथा तहसील स्तर के अधिकारियों से मिलकर नियमितीकरण में हो रहे विलंब को लेकर अपनी वेदना व्यक्त कर चुके हैं।
रहवासियों का कहना है कि प्रशासन किसी न किसी मुद्दों को लेकर नियमितीकरण को विलम्बित कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनावी आचार संहिता 5 अक्टूबर 2023 तक लगने की उम्मीद है, अतः रहवासी अब और अधिक धैर्य नहीं रख सकते।