इंदौर
indore news : मेट्रो प्रोजेक्ट-हाईकोर्ट की जमीन भी मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए लेंगे
Paliwalwaniइंदौर :
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मेट्रो प्रोजेक्ट अपनी गति से चल रहा है। अभी एयरपोर्ट से सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 होते हुए सायाजी, रेडिसन चौराहा से रोबोट तक एलिवेटेड कॉरिडोर निर्मित हो रहा है। उसी में साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर को भी ट्रायल रन के लिए तैयार किया जा रहा है। दूसरी तरफ रोबोट से पलासिया होते हुए एमजी रोड, बड़ा गणपति और एयरपोर्ट तक के दूसरे हिस्से का काम भी शुरू होना है, जिसके लिए टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है। इसमें इंदौर हाईकोर्ट से भूमिगत यानी अंडरग्राउंड लाइन शुरू होगी, जो बड़ा गणपति को क्रॉस करते हुए जाएगी।
लिहाजा हाईकोर्ट की कम्पाउंड वॉल, गार्डन से लेकर पोर्च के बीच की 30-35 हजार स्क्वेयर फीट जमीन भूमिगत कार्य शुरू करने के लिए अस्थायी रूप से एक-डेढ़ साल के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट को लेना पड़ेगी। पिछले दिनों मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़़े अधिकारियों ने इंदौर हाईकोर्ट के प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा भी कर ली थी और उन्हें तकनीकी जानकारी भी दी, जिससे वे सहमत भी हो गए। मगर अब अंतिम निर्णय और अनुमति के लिए जबलपुर जाकर मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रजेंटेशन देना पड़ेगा, जिसकी तैयारी चल रही है।
सितम्बर माह में प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन लिया जाना है, जिसके लिए इस महीने के अंत या जुलाई के पहले पखवाड़े में बड़ौदा से तीन कोच की एक ट्रेन इंदौर पहुंचेगी, जिसे संभव है, कुछ समय तक आम जनता के लिए अवलोकनार्थ भी रखा जाए। उसके बाद ट्रायल रन में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। 75 एकड़ में जो मेट्रो का विशाल डिपो बन रहा है वहां पटरियों को बिछाने का काम पिछले दिनों ही पूरा हो गया था और अब प्रायोरिटी कॉरिडोर में भी पटरियों को बिछाने का काम तेज गति से चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि इंदौर मेट्रो का पहला चरण लगभग 32 किलोमीटर लम्बाई का है जो एयरपोर्ट से शुरू होकर सुपर कॉरिडर, एमआर-10, रेडिसन, रोबोट से होता हुआ पलासिया, एमजी रोड, रिगल, बड़ा गणपति से एयरपोर्ट तक बनना है। इसमें अभी साढ़े 17 किलोमीटर के हिस्से पर तेज गति से काम चल रहा है। वहीं मध्य क्षेत्र में अंडरग्राउंड या एलिवेटेड कॉरिडोर रहे, इसको लेकर गतिरोध था, जो पिछले दिनों मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों की बैठक में सुलजा लिया था। इसके बाद तय हुआ कि हाईकोर्ट के वहां से मेट्रो अंडरग्राउंड होगी और फिर रीगल से लेकर एमजी रोड, राजवाड़ा, बड़ा गणपति तक अंडरग्राउंड लाइन बिछेगी, जिसके लिए सिर्फ एक तरफ ही विशाल गड्ढा कर मशीनों को डाला जाएगा, जो अंदर ही अंदर खुदाई करते हुए दूसरे छोर पर निकल जाएगी।
चूंकि अंडरग्राउंड टनल बनाने का काम हाईकोर्ट परिसर से ही शुरू होना है लिहाजा उसके लिए अनुमति मांगी गई है। इंदौर मेट्रो से जुड़े और प्राधिकरण के भी मुख्य अभियंता अनिल जोशी का कहना है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हो गई थी और उन्हें प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी दे दी और वे सहमत भी हो गए हैं। मगर अंतिम निर्णय जबलपुर से होना है, लिहाजा जल्द ही इंदौर मेट्रो के अधिकारी जबलपुर जाकर मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पूरे प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इंदौर हाईकोर्ट की बाउण्ड्री, बगीचे और पोर्च के बीच लगभग 30-35 हजार स्क्वेयर फीट जमीन मेट्रो को अस्थायी रूप से लगेगी। लगभग एक-डेढ़ साल तक यह काम चलेगा, तब तक हाईकोर्ट से मंजूरी लेना पड़ेगी। उसके बाद काम खत्म होने के बाद जमीन को समतल कर वापस सौंप दिया जाएगा।