इंदौर
इंदौर निगम में फिर 10 करोड़ का ''खेला''... चौकसे ने महापौर भार्गव को घेरा
paliwalwani
इंदौर,
इंदौर स्वच्छता में तो नम्बर वन है ही, लेकिन इस सफाई को बरकरार रखने वाले ''नगर निगम के जादूगर'' भी ''भ्रष्टाचार की सफाई'' में भी अव्वल हैं..! कभी घोटालों की फाइलें गायब कर दी जाती हैं, तो कभी नित नए कारनामे कर ''खेला'' किया जाता है... अब 10 करोड़ का एक और नया कारनामा सामने आया है...
आज इस घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने मीडिया के समक्ष इस 10 करोड़ी घोटाले का भंडाफोड़ किया... चौकसे ने इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव को भी घेरा और कहा कि अगर महापौर महोदय इस मामले में संलिप्त नहीं हैं तो वे स्वयं लोकायुक्त में इस घोटाले की शिकायत दर्ज करवाकर निष्पक्ष जांच करवाएं... इसके अलावा इसमें शामिल दोषी अधिकारियों पर भी गाज गिरवाएं... इस घोटाले की जांच के लिए चौकसे ने एसआईटी गठित करने की भी मांग की है... चिंटू चौकसे के अनुसार -
नगर निगम ने सिटी बस कंपनी के माध्यम से बीआरटीएस कॉरिडोर पर यूनिपोल, लॉलीपॉप और बस स्टॉप का ठेका 1 मार्च 2019 को पांच वर्षों के लिए दिया था। यह ठेका जयपुर की कंपनी एनएस पब्लिसिटी को दिया गया था, जिसकी अवधि 1 मार्च 2024 को समाप्त हो गई। इसके बावजूद सिटी बस कंपनी और नगर निगम के मार्केट विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण बीते एक साल से बिना किसी बाधा के कंपनी अपने बोर्ड और प्रचार सामग्री इन स्थानों पर लगाती रही।
इस सामग्री को लगाने का शुल्क 10 करोड़ रुपए बनता है, जिसे नगर निगम में जमा नहीं किया गया। चौकसे ने बताया कि नगर निगम ने कोरोना काल का बहाना बनाकर इस कंपनी को छूट देकर ठेके को निरंतर जारी रखने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने इस आदेश को गलत ठहराते हुए नगर निगम और सिटी बस कंपनी को पत्र भी लिखा और स्पष्ट कहा कि इस तरह की छूट देना उचित नहीं है।
शासन ने निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से होने वाली टैक्स चोरी और निजी लाभ के इस खेल को उजागर किया। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी अब भी अपने हितों के कारण इस कंपनी के विज्ञापन बोर्ड लगे रहने दे रहे हैं और उसका कोई शुल्क नहीं ले रहे हैं। 2014 में राज्य सरकार ने इस तरह की प्रचार सामग्री को लेकर नीति का निर्धारण किया था। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सड़कों के विभाजन, चौराहों पर, महापुरुषों की प्रतिमाओं के पास और गार्डनों के आसपास यूनिपोल नहीं लगाए जाएंगे।
इसके अलावा, शासन ने फुटपाथ को भी इस प्रचार सामग्री से मुक्त रखने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के बावजूद इंदौर नगर निगम के अधिकारियों ने बीआरटीएस कॉरिडोर पर इन नियमों का खुला उल्लंघन किया है। बीआरटीएस कॉरिडोर में लॉलीपॉप के लिए 3 फीट बाय 4 फीट के आकार की अनुमति थी, लेकिन अधिकारियों के संरक्षण के कारण ठेकेदार कंपनी ने इसका आकार बढ़ाकर 3 फीट बाय 5 फीट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने यह भी आरोप लगाया कि भंवरकुआं चौराहे पर आईडीए द्वारा बनाए गए फ्लाईओवर ब्रिज के पास बीआरटीएस कॉरिडोर पर लगी जालियों को निकालकर एजेंसी ले गई। इस तरह इस कंपनी ने सरकारी संपत्ति भी हड़प ली, लेकिन नगर निगम ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।