इंदौर

जो मेरे भीतर शुद्ध परमात्मा है वह में हुं" जो इस "भावना" का शुद्ध भाव से ध्यान करता है,वह सम्यक्दर्शन ज्ञान चारित्र को प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त कर सकता है : मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज

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जो मेरे भीतर शुद्ध परमात्मा है वह में हुं" जो इस "भावना" का शुद्ध भाव से ध्यान करता है,वह सम्यक्दर्शन ज्ञान चारित्र को प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त कर सकता है : मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज
जो मेरे भीतर शुद्ध परमात्मा है वह में हुं" जो इस "भावना" का शुद्ध भाव से ध्यान करता है,वह सम्यक्दर्शन ज्ञान चारित्र को प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त कर सकता है : मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज

राजेश जैन दद्दू 

इंदौर.

छत्रपति नगर स्थित दलाल बाग में महोत्सव के अंतिम दिन मुनि श्री ने कहा "भावनायोग"तन को तो स्वस्थ करता ही है, यह मन को भी मस्त कर आत्मा को पवित्र बनाता है,इसके नियमित प्रयोग से केंसर जैसे रोग पर भी विजय प्राप्त की जा चुकी है ऐसे कई उदाहरण सामने आऐ है में तो यंहा तक कहता हुं कि नियमित भावनायोग करने बालों की "अकालमृत्यु" नहीं होगी, इससे इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है तथा खोया हुआआत्मविश्वास बड़ता है।

यह प्रमाणित हो चुका है जिन लोगों ने नियमित भावनायोग किया उनके विचारों में सकारात्मकता आई,तथा नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिली,उन्होंने कहा कि आप लोग गुरु से आशीर्वाद लेते हो और आपका मन प्रसन्न हो जाता है यह क्या है? यह भी हमारे अवचेतन मन पर पड़ने बाला एक प्रभाव ही तो है,अवचेतन मन पर आशीर्वाद से अंतः स्रावी ग्रंथियां में परिवर्तन आता है तो हमारे अंदर उत्साह और नवऊर्जा का संचार होता है,तथा आनंद कीअनुभूति होती है,और सभी कार्य सहज में होते चले जाते है।

उन्होंने आशीर्वाद की चर्चा करते हुये कहा कि हमारे अंदर जितनी भी मनोविकृतियां है यंहा तक कि जो लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित होकर आत्महत्या की भावना तथा अनिद्रा जैसी बीमारियों से ग्रसित हो जाते है उन्हें इन बीमारियों से मुक्ति मिली है। मुनि श्री ने एक प्रयोग कराते हुये कहा कि ऐसा कोई व्यक्ति सभा में नहीं होगा.

जिसे कभी गुस्सा नहीं आया हो अथवा किसी के गुस्से का शिकार ना बना हो जिन लोगों को बातबात पर गुस्सा आता हो ऐसे लोगों को नियमित भावनायोग करना चाहिये "मुझे शांत रहना है" इस एक बोध वाक्य ने लोगों की जिंदगियां बदल दी उन्होंने कहा कि "मुझे शांत रहना है" का बोधवाक्य जब हम बारबार दौहराते है तो उसका असर हमारेअवचेतन मन पर पड़ता है और धीरे धीरे हमारा गुस्सा शांत हो जाता है,उन्होंने कहा कि ऐसे कयी प्रमाण सामने आऐ है, अनेक लोग जो प्रचंड क्रोधी थे वह शांतमूर्ति बन गए। सभा में यदि कोई हों तो वह भी नियमित 90 दिन का अभ्यास करें तो उनके जीवन में वह भी व्यापक परिवर्तन महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि "भावनायोग" से जिन बच्चों का पड़ने में मन नहीं लगता था उन विद्यार्थियों की एकाग्रता बढ़ी और आत्मविश्वास के साथ परफॉर्मेंस मजबूत हुआ.

वह नीट तथा आईआईटी जैसी परिक्षा में अच्छी रेंक के साथ उत्तीण हुये। उपरोक्त जानकारी देते हुये धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू एवं प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया तेज ठंड का प्रभाव के बाबजूद भी बहूत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुये भावनायोग के पश्चात "मंगलभावना" के साथ सभा का समापन हुआ। इस अवसर पर मुनि श्री निर्वेगसागर महाराज मुनि श्री संधान सागर महाराज सहित समस्त क्षुल्लक विराजमान थे।

आज की धर्म सभा के श्री जी की भव्य शोभा यात्रा निकली शोभायात्रा में शोधर्म इन्द्र भुपेंद्र जैन हाथी पर सवार होकर धर्म ध्वजा के साथ एवं कुबेर इन्द्र नरेंद्र नायक, राकेश नायक, राजेन्द्र नायक रथ पर विराजमान श्री जी को लेकर जिनालय पहुंचे इस अवसर डॉ जैनेन्द्र जैन,कमल जैन चेलेजर डीएल जैन प्रकाश दलाल केलाश वेद अनिल जेन को परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष श्रीमती मुक्ता जैन आदि समाज जन उपस्थित हुए दौपहर में 1:30 बजे शंकासमाधान के पश्चात मुनिसंघ का मंगल बिहार छत्रपति नगर से रेवतीरेंज की ओर हुआ  रात्री विश्राम सिद्धविहार कालोनी में होकर 15 दिसंम्वर रविवार को प्रातः नवीन जिनालय की आधार शिला रखने के उपरांत मुनिसंघ रेवतीरेंज की ओर प्रस्थान करेंगे.

आहार चर्या उधर ही संपन्न होगी। यंहा पर दौपहर एक बजे सहस्त्रकूट जिनालय की आधारशिला मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज स संघ एवं मुनि श्री विनम्र सागर महाराज स संघ एवं आर्यिका दुर्लभ मति संसघ सानिध्य में रखी जाऐगी।दयोदय चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट रेवतीरेंज के समस्त पदाधिकारिओं तथा धर्म प्रभावना समिति के महामंत्री हर्ष जैन एवं दद्दू ने सभी महानुभावों से कार्यक्रम में पधारने की अपील की है।

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