इंदौर
धनतेरस के साथ आज से पांच दिवसीय दीप पर्व का शुभारंभ : धन की देवी महालक्ष्मीजी की अगवानी में सज-धजकर तैयार हुई अहिल्या नगरी
नितिनमोहन शर्मारोशनी से नहाए घर-आंगन ओर बाजार, आज से द्वार-द्वार सजेंगे दीपक
धनतेरस, स्वास्थ्य, आरोग्य के देवता भगवान धनवंतरी ओर धन का होगा पूजन
बाजारों में उमड़ी सुबह से भीड़, सराफा सहित सभी परम्परागत बाजारों में आकर्षक सजावट
आ गया वो पर्व जिसका सबको सालभर रहता हैं इंतज़ार। आ गया हैं वो त्योहार, जो सनातन धर्म का सबसे बड़ा उत्सव हैं। राजा रामचंद्रजी के अयोध्या लौटने पर मनाई गई खुशियों सा माहौल सब तरफ पसर गया हैं। अवधपुरी अयोध्या से अहिल्या नगरी इंदौर तक ये उल्लास-उत्साह एक समान छाया हुआ हैं।
राघवेंद्र सरकार की नगरी 28 लाख दीपको से जगमगाने को आतुर हैं, तो इंदौर में भी लाखों लाख दीपक झिलमिलायेगे। आज धनतेरस के साथ पंच दिवसीय दीप पर्व का आग़ाज़ होने जा रहा हैं। सिर्फ धन का ही नही, आज धन्वंतरि भगवान के पूजन का सर्वाधिक महत्व भी हैं। वे उत्तम स्वास्थ्य और निरोगी जीवन के देवता हैं। आयुर्वेद के जनक हैं। वर्तमान में अब स्वास्थ्य भी धन से कम नही। सबसे बड़ी पूंजी ही निरोगी काया को कहां गया हैं। लिहाज़ा धनतेरस को उसके असली स्वरूप 'धन्वंतरि त्रयोदशी' के रूप में भी मनाए। सिर्फ धन के पीछे न लगाएं दौड़।
नितिनमोहन शर्मा
कार्तिक माह का स्याह कृष्ण पक्ष आज से उजियारे से नहा जाएगा। नन्हे नन्हे दीपों की लड़ियों का आज से अंधेरे से मुकाबला होगा और दीपकों ने अंधकार को मात देने की आज से ठान ली है। धनतेरस जो आज हैं। दिन ढलते ही दीप मालिकाये प्रज्वलित होंगी और अंधेरा उड़नछू हो जाएगा। सब तरफ प्रकाश ही प्रकाश। जगमग ही जगमग। रोशनी ही रोशनी। उजास ही उजास। सुख-समृद्धि-धन-धान्य ओर आरोग्य का ये उजास हर घर आंगन में दस्तक देगा।
आज धनतेरस के साथ पांच दिवसीय दीप पर्व का शुभारंभ होने जा रहा है। आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि का पूजन होगा और कामना होगी उत्तम स्वास्थ्य व निरोगी जीवन की। स्वर्ण-रजत की खरीदी भी होगी और शगुन के बरतन भी लिए जाएंगे। बरतन बाज़ार की विश्वप्रसिद्ध सजावट सबको लुभा रही हैं और अपने कद्रदानों को बाज़ार में आने का आमंत्रण दे रही हैं।
धन की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी जी की अगवानी में समूची अहिल्या नगरी सज धजकर, बन-संवरकर नवदुल्हन जैसी तैयार हो गई है। धन की देवी के स्वागत वंदन ओर अभिनंदन के लिए घर-आंगन ओर बाजार रोशनी से नहा उठे है। आंगन-अटारी ओर ओटलों पर सतरंगी रंगोली के रंग चटककर आभा बिखेर रहे है। दरो दीवार पर सुंदर मांडने उकेरे गए है। बिजली की लड़ियाँ रोशनी बिखेर रही हैं। घर का कोना कोना बुहारकर साफ सुथरा कर दिया गया है ताकि जब देवी आये तो आंगन में सौभाग्य बरसाकर जाए। घर घर मे उत्साह पसर गया हैं।
नए नए वस्त्र और आभूषण भी तैयार है। घर परिवार में पकवान की महक भी महकने लगी है। गुंजा-पुआ-चकली, मेवा-मिठाई ओर पपड़ी भी तैयार को गई है। मिठाइयों के थाल के थाल सज रहे है। बेसन चक्की से लेकर गुलाब जामुन तक मुंह मे पानी ला रहे है। बस इंतजार है सब पकवानों का लक्ष्मी मैया के भोग का। मिठाई की दुकानों पर भी तरह तरह के मिष्ठान्न दुकान के बाहर पटिये पर सज गए हैं।
आज धनतेरस है। धन की पूजा तो होगी ही। साथ ही भगवान धन्वंतरि को भी पूजन कर नमन किया जाएगा। भगवान धन्वंतरि आरोग्य ओर स्वास्थ के देवता है। आड़ा बाजार स्थित 200 साल पुराने धन्वंतरि मन्दिर में आज अलसुबह से ही भक्तों का तांता लग गया। भगवान धन्वंतरि के दर्शन कर नगरवासियों ने अपने व कुल-कुटुंब के लिए उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। बाजारो में आज सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ी है।