इंदौर
डेविश जैन देश के अग्रणी शिक्षाविदों की शीर्ष संस्था सीईजीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत
sunil paliwal-Anil paliwalसेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च के 14 सदस्यीय राष्ट्रीय कोर कमेटी का हुआ गठन
इंदौर : प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन को वर्ष 2023 के लिए सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर),नई दिल्ली का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। उनके मनोनयन की घोषणा मंगलवार को सीईजीआर की मैनेजिंग कमिटी की बैठक में की गयी । बैठक में वर्ष 2023 के सीईजीआर के 14 सदस्यीय राष्ट्रीय कोर कमिटी की भी घोषणा की गयी जिसमें देश विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 6 वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं 7 उपाध्यक्ष एवं एक मेंबर सेक्रेटरी चुने गए।
डॉ. जैन मध्य प्रदेश के पहले शिक्षाविद हैं जिन्हें देश के 10000 से अधिक शिक्षकों और शोधकर्ताओं के थिंक टैंक के राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक निकाय के इस प्रतिष्ठित पद के लिए मनोनीत किया गया है। इस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले डॉ. जैन वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में पिछले दो कार्यकालों से कार्य कर रहे थे।सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) एक स्वतंत्र थिंक टैंक है जो अगली पीढ़ी को भविष्य के नेताओं के रूप में तैयार करते हुए गुणात्मक, नवीन और रोजगार-क्षमता बढ़ाने वाली शिक्षा के लिए समर्पित है।
यह संस्था शिक्षाविदों, मीडिया और नीति निर्माताओं के बीच संवाद के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है और शैक्षिक विकास और अनुसंधान को बढ़ाता है।सीईजीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मनोनीत होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए,डॉ जैन ने कहा कि उनके लिए भारत के ख्यातिप्राप्त शिक्षाविदों के इस शीर्ष निकाय का नेतृत्व करने का एक महान अवसर और जिम्मेदारी है और वे सीईजीआर के गौरवशाली विरासत को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
डॉ जैन ने कहा कि भारत श्रेष्ठ शिक्षाविदों, टेक्नोक्रेट्स, वैज्ञानिकों से संपन्न देश है। यहाँ की प्रतिभा दुनिया भर के शीर्ष संगठनों, संस्थानों का नेतृत्व कर रही है । उन्होंने कहा कि देश के इस शीर्ष शिक्षाविदों के एक थिंक टैंक के रूप में, उनके नेतृत्व में सीईजीआर भारत से युवा प्रतिभाओं के प्रतिभा पलायन को रोकने तथा भारत में पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने हेतु एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए और अधिक गति के साथ कार्य करेगा।
उद्यमशीलता,कौशल विकास , नवाचार और अनुसंधान पर जोर देते हुए, डॉ. जैन ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे शैक्षणिक संस्थान रोजगार योग्य स्नातक तैयार करने के लिए उद्यमिता, कौशल, नवाचार और अनुसंधान को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करें।