इंदौर
इंदोरियो की आवाज बने ख़ुलासा फर्स्ट की यात्रा को रोकने का षड्यंत्र..! अंकुर जायसवाल को जान से मारने की धमकी
नितिनमोहन शर्माअखबार के प्रधान संपादक अंकुर जायसवाल को जान से मारने की धमकी
- पक्का इन्दौरी अख़बार को डराने, धमकाने, दबाने के कुत्सित प्रयास
- "ख़ुलासा फर्स्ट" को जान से मारने की धमकी
- पीएफआई, एसडीपीआई जैसे देश विरोधी तत्वों के बाद अब न जाने किसकी आंख में खटक रहा ख़ुलासा फर्स्ट
- पुलिस की जांच और ट्रू कॉलर में आरोपी ने भाजपा नेता का फोन हैक कर दी धमकी
- रात 3 बजे फोन कर जान से मारने की दी धमकी, लगातार डरना धमकाने का चल रहा प्रयास
- तेजी से इन्दौर और इंदोरियो की आवाज बने ख़ुलासा फर्स्ट की यात्रा को रोकने का षड्यंत्र..!!
नितिनमोहन शर्मा...✍️
देश व समाज विरोधी संगठन और तत्वों के बाद अब न जाने किसकी आंख में आप सबका पक्का इन्दौरी अखबार ख़ुलासा फर्स्ट खटक रहा हैं। शहर, समाज, राजनीति, धर्म, अपराध आदि क्षेत्र मे व्याप्त अराजकता के खिलाफ निरंतर चल रही कलम ने आपके इस प्रिय अखबार को तेजी से समूचे इन्दौर की आवाज़ बना दिया हैं। आपका ख़ुलासा फर्स्ट अखबार सच और साहस के साथ पत्रकारिता के पवित्र धर्म-कर्म को निभा रहा हैं। एक लंबे अरसे बाद माँ अहिल्या नगरी को एक ऐसे अखबार का दीदार हुआ जो इस शहर की आत्मा से जुड़ा हैं। शहर की तासीर और मिजाज से जुड़ा हैं। इंदोरियो और इन्दौर के तेवर से जुड़ा हैं। इन्दौर के सुख दुःख के साथ दमदारी से खड़ा रहकर शहर की आवाज बना हैं।
आपका ये पक्का इन्दौरी अखबार ड्रग के कारोबार, ड्रग की बढ़ती नशाखोरी, अराजक नाईट लाइफ, नंगाई वाले नाईट कल्चर सहित उन सब तमाम बुराइयों से बेख़ौफ़ लड़ रहा हैं, जो इन्दौर की संस्कारित और शालीन रिवायत का हिस्सा नही हैं। शहरवासी भी ये ही चाहते भी है। तभी अल्प समय मे ख़ुलासा फर्स्ट आप सबके अन्तर्मन की आवाज बना। आपका भरोसा जीता। आज आप सबको नियमित इंतजार रहता है कि ख़ुलासा ने आज क्या ख़ुलासा किया। शायद इसी का नतीजा है कि आपका ख़ुलासा फर्स्ट दुश्मनों की आंख में खटक रहा हैं।
अखबार के प्रधान संपादक अंकुर जायसवाल को रात 3 बजे एक फोन से जान से मारने की धमकी दी गई। धमकी देने वाले का ये ही कहना था कि आजकल तुम बहुत खबरें लिख रहे हो। जान से मार देंगे। प्रधान संपादक जायसवाल ने सुबह इस मामले से पुलिस प्रशासन के आला अफसरों को अवगत कराते हुए थाना हीरा नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने तुरंत सज्ञान लिया। जांच में किसी बीजंवा का नाम सामने आया। बीजंवा भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का समर्थक निकला लेकिन जांच में ये ख़ुलासा हुआ कि उसका फोन हैक कर लिया गया था और उससे धमकी दी गई।
अब पुलिस और साइबर सेल मिलकर जांच कर रहे है कि फोन किसने हैक किया था। पुलिस व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता वाले एंगल से भी जांच कर रही हैं। पुलिस का दांवा है कि जल्द धमकी देने वाले का राजफाश हो जाएगा। अखबार ओर संपादक अंकुर जायसवाल को पूर्व में इस प्रकार की जान से मारने की धमकी मिली हैं। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई और एसडीपीआई के गुर्गों ने भी धमकाया था। इन तत्वों ने तो आधी रात के बाद दफ्तर में घुसकर भी कर्मचारियों को धमकाया था। ताजा धमकी के बाद प्रधान संपादक अंकुर जायसवाल ने पुलिस से सुरक्षा भी मांगी है। इस सम्बंध में इन्दौर प्रेस क्लब, जिला जनसंपर्क कार्यालय को भी अवगत कराया है। जायसवाल को जान से मारने की दूसरी बार मिली धमकी पर मीडियाकर्मियों में भी आक्रोश हैं।
-
अंकुर-ख़ुलासा फर्स्ट...एक आत्मा
प्रधान संपादक अंकुर जायसवाल को जान से मारने की धमकी यानी ख़ुलासा फर्स्ट को जान से मारने की धमकी। अखबार को खत्म करने की धमकी। सच्चाई से भरी कलम की हत्या की धमकी। अखबार और सम्पादक दोनो एक दूजे के पूरक नहीं। न अलग अलग। एक आत्मा। इसलिए हम सम्पादक को मिली धमकी को अखबार से जोड़ रहे हैं। जायसवाल ने न्यूनतम संसाधनों के साथ इन्दौर और प्रदेश के अखबार जगत में एक क्रांति के रूप में आपके प्रिय अखबार को खड़ा किया हैं। जायसवाल की जिजीविषा और जज्बे का ही कमाल है कि एक "डाउन टू अर्थ" व्यक्ति ने अखबार न केवल प्रकाशित करने बल्कि उसे स्थापित करने का भागीरथी काम कर दिखाया हैं। आमतौर पर अखबार का प्रकाशन यानी भारी भरकम संसाधन और आर्थिक बंदोबस्त से जुड़ा मसला हैं। ये सर्वविदित भी है और सर्वस्वीकार्य भी। बावजूद इसके एक ख़ालिस इन्दौरी अखबार आपके समक्ष हैं। आपका स्नेह, निसंदेह इस संकट से भी अखबार को पार निकालेगा।
-
नोटिस के जरिये भी दबाव-प्रभाव की कोशिशें