इंदौर

इंदौर में बोरिंग करने पर कलेक्टर ने लगाई रोक : जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

sunil paliwal-Anil Bagora
इंदौर में बोरिंग करने पर कलेक्टर ने लगाई रोक : जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित
इंदौर में बोरिंग करने पर कलेक्टर ने लगाई रोक : जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

इंदौर.

कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर जिले में गिरते हुए भू-जलस्तर को देखते हुए इंदौर शहर समेत पूरे जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है. इंदौर तेजी से बढ़ती आबादी और भूजल के अनियंत्रित और अत्यधिक दोहन के कारण मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक इंदौर में बेंगलुरु जैसे हालात बनने लगे हैं.

कभी पानी से लबालब रहने वाला मालवा क्षेत्र का इंदौर शहर अब भूमिगत जल के रेड जोन में आ गया है. लगातार गिरते जलस्तर के कारण इंदौर जिला प्रशासन ने मानसून आने तक नई बोरिंग पर रोक लगा दी है. वहीं, वाटर रिचार्ज के जरिए एक बार फिर पारंपरिक जल स्रोतों को बचाने की कोशिश की जा रही है.

हालात को देखते हुए इंदौर जिला प्रशासन ने 18 मार्च से 30 जून 2025 तक सभी तरह की बोरिंग खुदाई पर रोक लगा दी है. इस दौरान अगर कोई भी व्यक्ति जिले की सीमा में वैध या अवैध रूप से बोरिंग करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक आपातकालीन स्थिति में जिला अधिकारियों की अनुमति से बोरिंग कराई जा सकेगी.

दरअसल, देश के अन्य महानगरों की तरह इंदौर में भी बढ़ते निर्माण कार्य और घटते वन क्षेत्र के कारण भूमिगत जल स्तर लगातार गिर रहा है. केंद्रीय भूजल बोर्ड की हालिया रिपोर्ट के अनुसार इंदौर जिले में भूजल स्तर 2012 में 150 मीटर था, वह 2023 में 160 मीटर (करीब 560 फीट) नीचे चला गया है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इस इलाके में भूमिगत जल का उपयोग 120 फीसदी तक पहुंच चुका है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो 2030 तक भूमिगत जल स्तर 200 मीटर तक नीचे चला जाएगा और शहर में भीषण जल संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी.

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