इंदौर
हिन्दी को जनभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध ‘हिन्दी ग्राम’- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’
Anil Bagoraइंदौर। विश्व की कोई भी भाषा जैसे अंग्रेजी, जापानी, चाईनीज, फ्रैन्च आदि जब तक बाजार से नहीं जुड़ी तब तक उसका विकास सिमित ही रहा है। उसी तरह संस्कृत बाजार से दुर रही तो उसे विलुप्तता की कगार पर ला पहुँचाया। यही हाल हिन्दी का भी चल रहा। परन्तु हिन्दी को बाजार मूलक बनाने और उसमें रोजगार के अवसर लाने के उद्देश्य से हिन्दी ग्राम की शुरुआत हुई है।
इंदौर, मध्यप्रदेश निवासी डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने हिन्दी में उपलब्ध रोजगार के मंचों को एक स्थान पर लाकर लोगो तक पहुँचाने का जिम्मा लेते हुए नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से ‘हिन्दीग्राम.कॉम’ की नीवं डाली। डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का कहना है कि ‘जब तक हिन्दी को बाजार नहीं अपनाता लोगों का आकर्षण हिन्दी के प्रति कम रहेगा, जबकि भारत विश्व का दुसरे बड़े बाजार में शामिल हैं द्य’ डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ अपने हिन्दी प्रेम के लिए मशहुर भी हैं, वर्तमान में मातृभाषा.कॉम के संस्थापक होने के साथ-साथ मातृभाषा उन्नयन संस्थान के अध्यक्ष भी हैं। इनके द्वारा देशभर में हिन्दी के प्रचार के लिए हस्ताक्षर बदलो अभियान भी चलाया जा रहा हैं, जिसमें लोगों को हिन्दी में हस्ताक्षर करने की प्रेरणा देकर शपथ दिलवाई जाती हैं।
विश्वस्तरीय जानकारीयाँ भी हिन्दी पटल पर शीघ्र
हिन्दी ग्राम की सह संस्थापिका डॉ प्रीति सुराना का कहना है कि ‘हमने मातृभाषा.कॉम में नवोदित व स्थापित रचनाकारों को मंच देकर उनका लेखन तो शुरु करवा दिया परन्तु जब तक वो लेखन आय का जरिया नहीं बन जाता तब तक लोगों में हिन्दी के प्रति जवाबदारी वाला प्रेम नहीं उमड़ रहा था, इसलिए मैनें हिन्दी ग्राम शुरु किया है, जिसकी परिकल्पना में ही हिन्दी को बाजार की भाषा बनाना है, साथ ही देश या विदेश में हिन्दी जानने वाले के उपलब्ध अवसरों को खोज कर यहाँ उपलब्ध करवाना हैं द्य जनवरी के पहले सप्ताह तक विश्वस्तरीय जानकारीयाँ भी पटल पर हिन्दी में साझा होगी द्य हम हिन्दी को भारत में निर्मित उत्पादों की निर्माता कम्पनीयों के साथ मिलकर उत्पादों के लेबल तक लाएंगे।
हिन्दी से साथ हिन्दुस्तान का परचम विश्व में फैलाएंगे’
हिन्दी ग्राम की इकाईयों में ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान (पंजी.), मातृभाषा.कॉम और अन्तरा शब्दशक्ति प्रकाशन, साहित्यकार कोश भी जुड़े हुए है। संस्था द्वारा हस्ताक्षर बदलो अभियान का भी संचालन किया जा रहा है। फिलहाल हिन्दी के प्रति देशभर में चिन्ताएं बढ़ रही है, इसे देखकर लगता है कि हिन्दी पुनः भारत को विश्व गौरव बना सकती हैं।
भारतभर में हस्ताक्षर बदलो अभियान
मातृभाषा उन्नयन संस्थान का एकमात्र उद्देश्य है कि हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषाृ बनाया जाए। इसके लिए हमारे द्वारा पूरे समर्पण के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। भारतभर में हस्ताक्षर बदलो अभियान चलाया जा रहा हैं जिसमें वर्ष २०२० तक १ करोड़ भारतीयों को अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करने की प्रेरणा देते हुए शपथ दिलवाई जाएगी। इसी के सहित भारत सहित विदेशों के भी हिंदी के हर नवोदित रचनाकार को लेखन का मंच दिया जा रहा है, ताकि विश्व पटल पर हिंदी चमके। वर्तमान में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से एक लाख लोगों ने अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करने का प्रण लिया है। सर्वश्री इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, महासचिव डॉ. प्रीति सुराना, उपाध्यक्ष संजय जैन (कोचर) कोषाध्यक्ष समकित सुराना, सचिव कैलाश बिहारी सिंघल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बृजेश शर्मा, कीर्ति वर्मा, अदिति रूसीया व पिंकी परुथी, मृदुल जोशी है। उक्त जानकारी पालीवाल वाणी को संस्थान के संवाद सेतु श्री रोहित त्रिवेदी ने दी।
पालीवाल वाणी ब्यूरो-अनिल बागोरा ✍
www.paliwalwani.com
Sunil Paliwal-Indore M.P.
Email- paliwalwani2@gmail.com
Whatsapp no- 09039752406
*?Paliwalwani News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे...पालीवाल वाणी हर कदम... आपके साथ...*
एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...