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कौन होगा कनाडा का अगला प्रधानमंत्री?, भारतीय मूल की इस महिला का नाम चल रहा रेस में सबसे आगे
PushplataJustin Trudeau Resignation News 2025: तमाम अटकलों और राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच जस्टिन ट्रूडो ने आखिरकार कनाडा के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। बताना होगा कि जस्टिन ट्रूडो 9 साल तक कनाडा के प्रधानमंत्री के पद पर रहे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के कई सांसद लगातार उनसे इस्तीफा मांग रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि 2025 में होने वाले कनाडा के आम चुनाव में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को हार का अंदेशा है क्योंकि उसे विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है।
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान कनाडा के भारत के साथ राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्ते खराब हो गए थे। ट्रूडो पर यह आरोप लगता है कि उन्होंने कनाडा के सिख वोट बैंक का राजनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए खालिस्तानियों के प्रति नरम रूख रखा। इस दौरान दोनों देशों के बीच जमकर बयानबाजी भी हुई और इससे भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आई। अब बात करते हैं कि ट्रूडो के इस्तीफा देने के बाद कौन से ऐसे बड़े नाम हैं, जो कनाडा में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल सकते हैं।
भारतीय मूल की हैं अनीता आनंद
ट्रूडो के उत्तराधिकारी के रूप में पहला नाम अनीता आनंद का है। अनीता आनंद भारतीय मूल की हैं और जस्टिन ट्रूडो की सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के अलावा भी कई अहम विभाग संभाल चुकी हैं। अनीता आनंद के पिता तमिल समुदाय से हैं जबकि उनकी मां पंजाबी कम्युनिटी से हैं। अनीता आनंद की उम्र 57 साल है और उनकी एजुकेशन ऑक्सफोर्ड से हुई है।
2019 में सांसद चुने जाने के बाद ट्रूडो के अनीता को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। वह ओकविले सीट से सांसद हैं। अनीता आनंद ट्रूडो की सरकार में 2 साल तक रक्षा मंत्रालय भी संभाल चुकी हैं।
विदेश मंत्री रही हैं मेलानी जोली
इस दौड़ में दूसरा बड़ा नाम मेलानी जोली का है। जोली को 2021 में विदेश मामलों का मंत्री बनाया गया था। वह 45 साल की हैं और ऑक्सफोर्ड से पढ़ी-लिखी हैं। वह कनाडा के समर्थन में कई बार यूक्रेन का दौरा भी कर चुकी हैं।
उप प्रधानमंत्री रह चुकी हैं क्रिस्टिया फ्रीलैंड
ट्रूडो के मंत्रिमंडल में उनकी सहयोगी और उनकी सरकार के सबसे ताकतवर मंत्रियों में शामिल क्रिस्टिया फ्रीलैंड हैं। फ्रीलैंड ने दिसंबर 2024 में कनाडा के उप प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से पूरे देश के लोगों को हैरानी हुई थी। फ्रीलैंड की उम्र 56 साल है और वह कनाडा की वित्त मंत्री जैसा बड़ा पद भी संभाल चुकी हैं। राजनीति में आने से पहले वह पत्रकार थीं और 2013 में हाउस ऑफ कॉमंस में आई थी। उन्हें लिबरल पार्टी के प्रमुख नेताओं में गिना जाता है।
बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रहे हैं मार्क कार्नी
मार्क कार्नी बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर हैं और पिछले कुछ महीनों में ट्रूडो के विशेष सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। मार्क की उम्र 59 साल है और वह हार्वर्ड से पढ़े-लिखे हैं। हालांकि उन्होंने कभी भी कोई बड़ा पद नहीं संभाला है लेकिन उन्हें आर्थिक मामलों का अच्छा अनुभव है। वह न सिर्फ बैंक ऑफ़ कनाडा बल्कि बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में भी काम कर चुके हैं।
इसके अलावा फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन का भी नाम चर्चा में है। मौजूदा वक्त में वह विज्ञान और उद्योग मंत्री हैं जबकि विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहित कई अहम विभागों के मंत्री रह चुके हैं।
देखना होगा कि लिबरल पार्टी किसे अपना नेता चुनती है।