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पेंटागन सीक्रेट दस्तावेज लीक होने से अमेरिकी सरकार में हडकंप
PaliwalwaniPentagon Secret Documents Leaked : पेंटागन से जुड़े सीक्रेट दस्तावेज लीक हो जाने की वजह से अमेरिका की काफी किरकिरी हुई है. बिना फ़ोल्ड किए हुए प्रिंटेड पेज और तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हैं. बाइडेन प्रशासन हैरान है कि आखिर यह हुआ कैसे. अमेरिका के न्याय विभाग ने दस्तावेजों के लीक होने पर आपराधिक जांच शुरू कर दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता लगा रही है कि ये सीक्रेट दस्तावेज बाहर कैसे आ गए. बता दें पेंटागन अमेरिका के रक्षा विभाग का हेडक्वार्टर है.
क्या है लीक हुए दस्तावेजों में?
लीक हुए दस्तावेज यूक्रेन युद्ध, अमेरिकी के कई सहयोगियों जैसे - इजराइल, दक्षिण कोरिया और तुर्की से जुड़े हुए हैं. इनमें विशेष तौर पर यूक्रेन युद्ध से जुड़ी कई अहम जानकारियां शामिल हैं जैसे कि कीव को कौन से हथियार मुहैया कराए गए, या फिर यूक्रेनी सेना की क्या मजबूती है और उनके डिफेंस सिस्टेम में क्या खामियां हैं.
सवालों के घेरे में सुरक्षा एजेंसियां
इन सीक्रेट जानकारियों के सार्वजनिक होने के बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों सवालों के घेरे में आ गई हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों में से एक ने बताया कि जांच अधिकारी पता लगाने में जुटे हैं कि कौन सा व्यक्ति या समूह इन्हें लीक कर सकता है.
एक अधिकारी ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि पेंटागन को पता चला है कि आंतरिक रूप से कुछ खुफिया जानकारियां व्यापक रूप से साझा की जा रही हैं. इसलिए कोशिश की जा रही है कि सीक्रेट दस्तावेजों तक उन्हीं लोगों की पहुंच जिन्हें इसकी जरुरत है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह सीधे-सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है. पेंटागन ने रविवार को कहा कि एक अंतर-एजेंसी लगातार इसकी जांच में जुटी है.
खुफिया दस्तावेजों के लीक होने पर अमेरिका के सहयोगियों ने भी प्रतिक्रिया दी है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और वह वाशिंगटन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं.
लीक दस्तावेजों ने मचाई इजराइल में हलचल
इन लीक दस्तावेजों ने इजराइल में भी हलचल मचा दी है. बताया जा रहा है कि एक दस्तावजे में कहा गया है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने नेतन्याहू सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए बड़े विरोध प्रदर्शन का प्रोत्साहित किया था. ये विरोध प्रदर्शन नेन्याहू सरकार की उस न्यायापलिका पर नियंत्रण कड़ा करने की योजना के खिलाफ हुए थे.
रविवार को इजलाइल के पीएम बेंजामिन नेन्याहू के दफ्तर की तरफ से कहा गया कि लीक की खबरें झूठी और बेबुनियाद हैं.