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पोप फ्रांसिस के निधन की खबर सुनकर दुनियाभर में फैले करोड़ों लोगों में शोक की लहर दौड़ : भारत में तीन दिन का राजकीय शोक
paliwalwani
रोमन कैथोलिक के सर्वोच्च धार्मिक पद पर आसीन पोप फ्रांसिस का 88 साल की आयु में निधन हो गया है. वेटिकन ने एक वीडियो मैसेज जारी कर दुखद सूचना दी. पोप फ्रांसिस के निधन की खबर सुनकर दुनियाभर में फैले करोड़ों लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है. वह 1300 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पोप का सप्रीम पद हासिल किया था. शताब्दियों के बाद यूरोप के बाहर के किसी व्यक्ति को पोप बनने का सौभाग्य हासिल हुआ था.
वह लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटिना के रहने वाले थे, लेकिन पोप बनने के बाद वह कभी अपने देश वापस नहीं गए थे. पोप की तबीयत पिछले दिनों काफी खराब रही थी. उन्हें निमोनिया का डबल अटैक आया था. निमोनिया के चलते पोप फ्रांसिस कई दिनों तक ICU में एडमिट रहे थे. मान जा रहा है कि उम्र के इस पड़ाव पर लगातार दो बार निमोनिया का शिकार होने से वह कमजोर हो गए थे.
पोप फ्रांसिस को लगातार दो बार निमोनिया हो गया था. इससे उनकी हालत काफी खराब हो गई थी. बीमारी की वजह से वह कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे. गंभीर निमोनिया की वजह से पोप फ्रांसिस को ICU में एडमिट रहना पड़ा था. उस वक्त वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रुनी ने मेडिक टेस्ट का हवाला देते हुए बताया था कि 88 साल के पोप ‘पॉलीमाइक्रोबियल रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन’ से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनको दी जा रही दवाओं में और बदलाव करना जरूरी हो गया है. हालांकि, डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी करती रही थी और पोप निमोनिया से उबर भी गए थे.
बता दें कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी 2025 को जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पोप फ्रांसिस का निधन ईस्टर के एक दिन बाद हुआ है.
नई दिल्ली.
पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत सरकार ने देशभर में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि महामहिम पोप फ्रांसिस, सर्वोच्च धर्मगुरु का सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को निधन हो गया. उनके सम्मान में भारत में तीन दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा.
गृह मंत्रालय के अनुसार, राजकीय शोक का पहला चरण दो दिनों का होगा, जो मंगलवार, 22 अप्रैल और बुधवार, 23 अप्रैल को लागू रहेगा. तीसरा दिन पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन मनाया जाएगा. इस दौरान पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है. साथ ही, इस अवधि में कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा.