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बिल्डर बाबा जिस पर दर्ज हैं 50 से ज्यादा मुकदमे नरेंद्र गिरी ने उसे बनाया था महामंडलेश्वर, आठ दिन पदवी से हटाया
Paliwalwaniअखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने जिस सचिन दत्ता को 31 जुलाई 2015 में महामंडलेश्वर बनाया था, वह यूपी के नोएडा में नाइट क्लब चलाते पकड़ा गया था। इसके बाद महज आठ दिन के भीतर उससे महामंडलेश्वर की उपाधि छीन ली गई थी। प्रयागराज की बाघंबरी गद्दी में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की मौजूदगी में नरेंद्र गिरि ने सचिन का पट्टाभिषेक कर निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया था। उस समय उन्हें नया नाम सच्चिदानंद गिरि मिला था। एकाएक चर्चाओं में आए सचिन उर्फ सच्चिदानंद के बारे में पता चला कि वह नोएडा में नाइट क्लब चलाता है। इसके बाद भूचाल मच गया।
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सचिन के बाद जारी हुई थी फर्जी बाबाओं की लिस्ट
अखाड़ा परिषद ने 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी। इसमें सच्चिदानंद गिरि, आसाराम बापू, रामपाल, रामरहीम, निर्मल बाबा, राधे मां जैसे चर्चित नाम प्रमुख रूप से शामिल थे। सचिन दत्ता पर यूपी, दिल्ली, पंजाब में प्रॉपर्टी ठगी के 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। फिलहाल, वह जेल में बंद हैं। कई मुकदमों की सुनवाई गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में चल रही है। अब उसका चर्चित नाम बिल्डर बाबा है।
आनंद गिरि पर नोएडा में लगे कब्जे के आरोप
नोएडा के सेक्टर-82 में ब्रह्माचारी कुटिया है। आरोप है कि 13 जून 2020 को आनंद गिरि कुछ लोगों सहित इस कुटिया पर पहुंचा और इसकी बेशकीमती 12 बीघा जमीन को कब्जाने का प्रयास किया। पूरा मामला मुख्यमंत्री और महंत नरेंद्र गिरि के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद 16 जून 2020 को आनंद गिरि वहां से निकल गया। हालांकि आरोप यह है कि वह जाते-जाते 10 लाख रुपए, सीसीटीवी की डीवीआर और अन्य दस्तावेज साथ ले गया था। बता दें कि नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत में आनंद गिरि का नाम सुसाइड नोट में आया है। आनंद गिरि फिलहाल यूपी पुलिस की हिरासत में है।