दिल्ली
ट्रेनों से पशुओं के टकराने की घटनाओं को रोकने के लिए रेल मंत्रालय का मास्टरप्लान
Paliwalwaniनई दिल्ली : ट्रेनों के साथ होने वाले हादसों को रोकने के लिए रेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक विशेष प्रकार की बाउंड्री वॉल की नई डिजाइन को अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि नई बाउंड्रीवाल अगले 5-6 महीनों में पटरियों के किनारे लगाई जाएगी।
अगर ये कारगर रही तो रेलवे अपने नेटवर्क के उन हिस्सों में अगले छह महीने में 1,000 किलोमीटर दूरी तक बाउंड्रीवाल बनाएगा, जहां ट्रेनों से मवेशियों के कुचलने के ज्यादा मामले दर्ज किये जा रहे हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में देश की कार्पोरेट ट्रेन वंदे भारत के साथ एक के बाद एक ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद रेलवे ने यह कदम उठाया है।
रेल मंज्ञी ने कहा कि रेलवे ट्रैक पर दीवार बनाने के बारे में गंभीरता से विचार हो रहा है। हम दो अलग-अलग डिजाइन पर विचार कर रहे हैं। हमने अगले पांच से छह महीने में मजबूत दीवार बनाने की मंजूरी दी है और अगर यह डिजाइन कारगर रही तो हम 1,000 किलोमीटर की लंबाई में ऐसी दीवार बनाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि परंपरागत दीवारों से मवेशियों के ट्रेन से कुचलने की समस्या का समाधान नहीं निकलेगा।
गौरतलब है कि बीते अक्तूबर माह में कई बार वंदेभारत ट्रेन मवेशियों से टकरा गई थी। ऐसी दो घटनाएं तो लगातार दो दिनों में हुई थीं। ऐसी ही एक घटना में गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस एक गाय से टकरा गई थी। हादसे की वजह से ट्रेन का अगला हिस्सा मामूली रूप से क्षतिग्रस्त भी हुआ था। ये घटना गुजरात के आणंद स्टेशन के पास हुई थी। हालांकि हादसे में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ था। इस हादसे के एक दिन पहले सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ने चार भैंसों को टक्कर मार दी थी। जिसके बाद उसके एक हिस्से को बदलना पड़ा था।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी उस घटना पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि पटरियों पर मवेशियों के साथ टकराव अपरिहार्य है। सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को डिजाइन करते समय इसे ध्यान में रखा गया है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि मवेशिय़ों के साथ हादसे को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर के पहले नौ दिन में मवेशियों के पटरियों पर आने से करीब 200 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। इस साल अब तक करीब 4,000 ट्रेनें इस तरह प्रभावित हुई हैं।