दिल्ली

पेंशन जयघोष महारैली : दिल्ली के रामलीला मैदान में 3 नवंबर को होगी : केंद्र सरकार के लिए रैली एक अल्टीमेटम

Paliwalwani
पेंशन जयघोष महारैली : दिल्ली के रामलीला मैदान में 3 नवंबर को होगी : केंद्र सरकार के लिए रैली एक अल्टीमेटम
पेंशन जयघोष महारैली : दिल्ली के रामलीला मैदान में 3 नवंबर को होगी : केंद्र सरकार के लिए रैली एक अल्टीमेटम

शिमला/मंडी :

  • दिल्ली के रामलीला मैदान में 3 नवंबर 2023 को कान्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स के साथ मिलकर आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गेनाइजेशन रामलीला मैदान में बड़ी रैली करने की योजना है। आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर्स आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार ने कहा कि एनपीएस पेंशन योजना नहीं, बल्कि बाजारवाद पर आधारित प्रणाली है।

पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान आदि को छोडक़र सभी राज्य सरकारों व केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की है। इस व्यवस्था को जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना लागू की गई है।

आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर्स आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार ने बताया कि नई पेंशन योजना सही मायने में देखा जाए, तो पेंशन योजना है ही नहीं। यह एक बाजारवाद पर आधारित प्रणाली है, जिसमें किसी भी प्रकार की न्यूनतम गारंटी नहीं है। पुरानी पेंशन योजना सरकारी कर्मचारी के बुढ़ापे की लाठी है, तो दूसरी ओर नई पेंशन योजना उसके साथ बहुत बड़ा छलावा है। इस योजना में शामिल कर्मचारी को 60 वर्ष की उम्र के पश्चात मामूली मासिक पेंशन मिलती है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में इतनी ही सेवा के बदले अच्छी मासिक पेंशन मिलती हैं।

केंद्र के लिए यह रैली एक अल्टीमेटम है

डॉ. मंजीत पटेल के मुताबिक, 10 दिसंबर की रैली में केंद्र और राज्यों के कर्मचारी संगठन हिस्सा लेंगे। लंबे समय से इस रैली की तैयारियां चल रही हैं। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के सदस्य डॉ. मंजीत बताते हैं कि दस दिसंबर की रैली में करीब डेढ़ दर्जन केंद्रीय संगठन और अनेक प्रदेशों की एसोसिएशन/फेडरेशन, शिरकत करेंगे। केंद्र सरकार के लिए यह रैली एक अल्टीमेटम है। अगर सरकार ने दिसंबर में ओपीएस बहाली को लेकर कोई पुख्ता घोषणा नहीं की, तो जनवरी 2024 से हड़ताल शुरू होगी। केंद्र सरकार की तरफ से जुलाई में ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन से सुझाव मांगे गए थे। सरकार को लिखित में सुझाव दिए गए। उसके बाद सरकार की तरफ से कुछ नहीं बताया गया। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद 'जेसीएम' के सचिव शिवगोपाल मिश्रा की तरफ से भी सरकार को सुझाव दिए गए हैं। बतौर डॉ. पटेल, सरकार एनपीएस में शामिल लोगों से प्रत्यक्ष तौर पर बातचीत नहीं कर रही है।

ओपीएस पर हो चुकी हैं कर्मियों की दो रैलियां

केंद्र और राज्यों के कर्मचारी संगठनों ने सरकार को स्पष्ट तौर से बता दिया है कि उन्हें बिना गारंटी वाली 'एनपीएस' योजना को खत्म करने और परिभाषित एवं गारंटी वाली 'पुरानी पेंशन योजना' की बहाली से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। नई दिल्ली के रामलीला मैदान में दस अगस्त को कर्मियों की रैली हुई थी। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद 'जेसीएम' के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने रैली में कहा था, लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News