दिल्ली

Income Tax Department : टैक्स चोरी पकड़ने के लिए AI का इस्तेमाल, गलत तरीके से ITR का दावा करने वाले हो जाएं सावधान!

paliwalwani
Income Tax Department : टैक्स चोरी पकड़ने के लिए AI का इस्तेमाल, गलत तरीके से ITR का दावा करने वाले हो जाएं सावधान!
Income Tax Department : टैक्स चोरी पकड़ने के लिए AI का इस्तेमाल, गलत तरीके से ITR का दावा करने वाले हो जाएं सावधान!

नई दिल्ली. इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट (Income Tax Department) ने बीते कुछ वर्षों में टैक्स चोरी के मामलों (Tax evasion cases) को पकड़ने के लिए एआई (AI) का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। अभी तक के परिणामों के आधार पर एआई (AI) ने ऐसे संदिग्ध मामले चिह्नित करने और उन्हें नोटिस जारी करने में मदद की है, जिनमें गलत तरीके से आयकर में छूट (Income tax exemption) का दावा किया गया। मौजूदा समय में विभाग एआई के बेसिक मॉडल का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन भविष्य में एडवांस मॉडल को भी लाने की तैयारी है।

आयकर विभाग से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि एआई का सबसे अधिक इस्तेमाल गलत तरीके से आयकर रिटर्न में किए गए दावों को पकड़ने में हो रहा है। उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति ने हर महीने 15 हजार रुपये का हाउस रेंट दिखकर रिटर्न भरते वक्त छूट का दावा किया। उस व्यक्ति का पैन कार्ड नंबर भी दिया, जिसके घर में किराए पर रह रहा है। वहीं, किराये से हासिल आय को अपनी वार्षिक आमदनी में नहीं दिखाया तो एआई पैन कार्ड नंबर पर दर्ज जानकारी को मिलान कर रिपोर्ट देता है। इस वर्ष ऐसे हजारों मामलों को चिह्नित कर दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया गया।

बच्चों की ट्यूशन फीस दिखाने में भी हेराफेरी

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी बताते हैं कि एआई के आने के बाद हर रिटर्न को सिस्टम में देखने की जरूरत कम हुई है। एआई यह जानकारी भी एक निर्देश पर दे देता है कि रिटर्न भरते वक्त व्यक्ति द्वारा आयकर छूट पाने के लिए लगाए गए हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस के साथ निवेश से जुड़े अन्य कागजात हैं या नहीं। संदिग्ध मामलों को चिह्नित करते बताता है। बच्चों की ट्यूशन फीस दिखाने में भी करदाताओं की तरफ से हेराफेरी की गई।

नया आयकर कानून अगले वर्ष एक अप्रैल (2026) से लागू किया जाएगा। नए कानून में तमाम बदलाव होंगे। वित्तीय वर्ष, मूल्यांकन (असेसमेंट) वर्ष की जगह पर टैक्स (कर) वर्ष होगा। इससे आम लोगों और करदाताओं को समझने में आसानी होगी। उधर, सरकार नया आयकर विधेयक गुरुवार को संसद में पेश कर सकती है। इसे बीते सप्ताह कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक नए कानून में तमाम सारे बदलाव किए जा रहे हैं। पुराना कानून में 880 पृष्ठ हैं लेकिन नए कानून में 622 पन्ने रखे गए हैं। नए कानून में ज्यादातर उपधाराओं को खत्म करने का प्रस्ताव है। नए विधेयक के ड्राफ्ट में 536 धाराएं, 16 अनुसूचियां और 23 अध्याय दिए गए हैं। साथ ही, छूट को लेकर नियमों को अलग-अलग धारा में जानकारी दी गई है। मौजूदा आयकर कानून में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां हैं। नए विधेयक में किसी व्यक्ति के लिए (क), हिंदू विभाजित परिवार के लिए (ख) और लोगों के समूह के लिए (ग) जैसी उपधारा की जगह कर गणना को कर दर के मुताबिक किया गया है।

इन मामलों को पकड़ने में मददगार

  • – किसी पैन कार्ड नंबर पर एक वर्ष के अंदर अप्रत्याशित रूप से लेनदेन होना।
  • – बैंक खातों में अचानक से बड़ा कैश जमा होने या फिर बड़ी संपत्ति की खरीद करना।
  • – बैंक खाते से प्रॉपर्टी खरीदते वक्त अधिक पेमेंट करना, लेकिन रिटर्न में कम का दावा करना।
  • – खाते में एक वित्तीय वर्ष में जमा धनराशि और रिटर्न भरते वक्त उसका सही ब्यौरा न देना।
  • – किराये के रूप में बड़ा भुगतान होना लेकिन टीडीएस काटे जाने के बाद समय पर जमा न होना।
whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News