दिल्ली
पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द : छोटी रैलियां या जनसभाओं को मिल सकती है इजाजत...!
Paliwalwani
नई दिल्ली : देश में लगातार जानलेवा कोरोना वायरस के खतरे के बीच पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान की घोषणा चुनाव आयोग कभी कर सकता हैं. चुनाव आयोग की तैयारियों को देखते हुए जल्द चुनावों की घोषणा होने के आसार हैं, लेकिन सबकी दिलचस्पी ये जानने में है कि आखिर कि कोरोना काल में चुनाव किस तरह से कराए जाएंगे...? सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मतदान कराने की तैयारी कर ली है. केंद्रीय चुनाव आयोग पिछले कुछ समय से चुनावी तैयारियों पर लगातार बैठकें कर रहा है. लेकिन चुनाव के एलान के साथ ही रैलियों और सभाओं के आकार को लेकर कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बड़ी चुनावी रैलियों और जनसभाओं पर पूरी तरह से रोक लग सकती है. इनकी जगह छोटी-छोटी रैलियां या जनसभाओं को ही इजाजत मिल सकती है. ये छोटी रैलियां भी तभी हो पाएंगी, जब कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. दोनों डोज़ लगा चुके लोगों को ही रैलियों में ले जाने की पार्टियों से अपील की जा सकती है. लेकिन खतरा सिर्फ चुनावी रैलियों और जनसभाओं से ही नहीं है. फिक्र उन कर्मचारियों को लेकर भी है, जोकि मतदान के काम में जुटे होंगे.
सूत्रों से पता चला है कि चुनाव आयोग ऐसे चुनाव अधिकारियों को तैनात करेगा जोकि कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके हो. सुरक्षाकर्मी भी वही तैनात किए जाएंगे जोकि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हों. पोलिंग बूथ पर 1500 वोटरों की जगह अब ज्यादा से ज्यादा 1250 वोटरों को ही वोट डालने की अनुमति होगी. यही नहीं नामांकन के लिए उम्मीदवार अपने साथ अधिकतम 5 लोगों को ही ले जा सकेगा. इसके अलावा डोर टू डोर चुनाव प्रचार के लिए भी ज्यादा से ज्यादा 5 लोगों को ही अनुमति मिल सकती है.
नई गाइडलाइन्स की घोषणा : सूत्रों से ये भी पता चला है कि चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ चुनाव आयोग नई गाइडलाइन्स की घोषणा भी कर सकता है. ऐसा भी नहीं होगा कि एक बार जारी दिशा निर्देश ही अंतिम होंगे. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के हालातों को देखते हुए उनमें फेरबदल किया जाता रहेगा. मतदाता चुनाव आयोग से खफा भी नजर आते दिख रहे हैं. राजनीतिक दलों ने भी संकेत दिए है कि चुनाव की तिथि आगे बढ़े.