दिल्ली
एक देश एक चुनाव पर केंद्र का बड़ा कदम : कांग्रेस ने सरकार के फैसले का विरोध किया
Paliwalwaniनई दिल्ली :
देश में एक ही चुनाव कराने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर एक समिति का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. यह समिति इस मुद्दे पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद ही यह तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की तैयारी करेगी या नहीं.
बता दें कि एक देश-एक चुनाव का मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ ही करा लिए जाएं. देश के आजाद होने के कुछ समय बाद तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे लेकिन इस प्रथा को बाद में खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग से कराया जाने लगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर 2023 तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. सूत्रों के अनुसार सरकार इस दौरान एक देश एक चुनाव को लेकर बिल भी ला सकती है. केंद्र की बनाई कमेटी एक देश एक चुनाव के कानूनी पहलुओं पर गौर करेगी. साथ ही इसके लिए आम लोगों से भी राय लेगी.
इधर, कांग्रेस ने सरकार के फैसले का विरोध किया है. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आखिर एक देश एक चुनाव की सरकार को अचानक जरूरत क्यों पड़ गई.
5 दिन का सत्र और 5 संभावनाएं
1. महिलाओं के लिए संसद में एक-तिहाई अतिरिक्त सीट देना.
2. नए संसद भवन में शिफ्टिंग.
3. यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पेश हो सकता है.
4. लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने का बिल आ सकता है.
5. आरक्षण पर प्रावधान संभव। (OBC की केंद्रीय सूची के उप-वर्गीकरण, आरक्षण के असमान वितरण के अध्ययन के लिए 2017 में बने रोहिणी आयोग ने 1 अगस्त को राष्ट्रपति को रिपोर्ट दी है.