अपराध
INDORE : सेक्स रैकेट सरगना मोमिनुल के विजय बनने तक की कहानी : 80 लाख बैंक खाते सीज
Paliwalwaniइंदौर : बांग्लादेश से भेजी गई युवतियों को बेचने और देह व्यापार कराने वाले विजय दत्त उर्फ मोमिनुल रशीद ने 8 महीनों में 80 लाख रुपए कमाए. विजय नगर पुलिस ने 5 आरोपियों सहित 4 युवतियों को गिरफ्तार किया है. विजय इस गिरोह का सरगना है. पुलिस ने पूछताछ के बाद उसके IDBI बैंक के खाते को सीज करवा दिया है. विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया आरोपी विजय एक युवती को 25 हजार से एक लाख रुपए तक में बेचता था. रुपए दलालों के माध्यम से उसके खाते में जमा किए जाते थे. वह बेची गई युवती के घर में दो-तीन महीने तक 5000 रुपए भेजता था, जिससे परिवार को लगे कि उनकी बेटी को भारत में नौकरी लग गई है. उसने इंदौर में 4 महीने पहले अपना काम शुरू किया था.
बांग्लादेश में कचरा बीनने वाले करते थे रैकी : गैंग के सदस्य पश्चिम बंगाल से लगे हुए बांग्लादेश के जो शोर और मुरखिदाजो में सक्रिय रहते थे. गैंग के सदस्य सबसे पहले ऐसे परिवार को टारगेट करते थे. जिन्हें रुपए की अधिक जरूरत होती थी. कचरा बीनने वाले लोग उसके लिए रैकी करते थे. वे जरूरतमंद परिवारों को उनके बारे में बताते थे. पहले गैंग के सदस्यों ने 35 से 40% महीने ब्याज पर रुपए दिया करते थे. जब परिवार उन्हें रुपए नहीं लौटा पाता था तो गैंग के लोग उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने भारत ले आते थे.
महिला थानेदार ने कॉलगर्ल बनने की एक्टिंग की : विजय को पकड़ने के लिए विजयनगर पुलिस मुंबई के नालासुपारा में भेष बदलकर गई थी. पुलिस ने खुद को बांग्लादेशी बताया था. एक महिला थानेदार ने कॉलगर्ल बनने की एक्टिंग की. सिपाहियों ने उसका सौदा किया. विजय दत्त ने उसकी कीमत 6 हजार रुपए लगाई थी. एक सिपाही दलाल बना उसने महिला थानेदार का फोटो आरोपी तक पहुंचाया. दलाल बने सिपाही को अलग से रुपए देने की बात कही. बातचीत के दौरान सिपाही की भाषा की वजह से विजय को शक हो गया तो डील कैंसिल करके फरार हो गया.
प्रिया गर्लफ्रेंड मुंबई में काटी फरारी : विजय दत्त मुंबई में प्रिया नाम की युवती के पास फरारी काट चुका है. प्रिया उसकी गर्लफ्रेंड बताई जा रही है. विजय की एक अन्य महिला दलाल काजल चेन्नई में सक्रिय है. मध्यप्रदेश में भी उसने कई जगह अपनी महिला मित्रों को सक्रिय कर रखा है. विजय को इंदौर में आने वाली सेक्स रैकेट की खबरें उसका दोस्त उज्ज्वल पहुंचाता था और उसे अलर्ट रहने की बात भी करता था. इसके कारण विजय मुंबई में ही छिपा हुआ था.
विजय दत्त उर्फ मोमिनुल रशीद 16 साल हिंदू परिवार के साथ रहा : बांग्लादेश में हिंदू-मुस्लिम दंगों के बाद विजय दत्त उर्फ मोमिनुल रशीद भारत आया था. यहां उसने अपना नाम बदल लिया. उसने पुलिस को बताया कि 1994 में बांग्लादेश से भारत में पश्चिम बंगाल के कृष्णा घाट नदी पर आया था. यहां लगभग 16 साल तक एक हिंदू परिवार के साथ रहा. उसने अपना नाम राशन कार्ड में विजय दत्त लिखवाकर सभी कागजात विजय के नाम से ही बनवाए. वह पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और कई दस्तावेज बनवा चुका है.
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