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महिला-पुरुष की सजा में भेदभाव : अवैध संबंध बनाने के लिए महिला को मिली 100 कौड़े मारने की सजा, पुरुष को पड़े सिर्फ 15

Paliwalwani
महिला-पुरुष की सजा में भेदभाव : अवैध संबंध बनाने के लिए महिला को मिली 100 कौड़े मारने की सजा, पुरुष को पड़े सिर्फ 15
महिला-पुरुष की सजा में भेदभाव : अवैध संबंध बनाने के लिए महिला को मिली 100 कौड़े मारने की सजा, पुरुष को पड़े सिर्फ 15

महिला और पुरुषों को बराबरी का दर्जा देने के लिए हमेशा मांग उठती रहती है। कहीं उन्हें बराबरी मिल भी जाती है तो कहीं नहीं। इस दुनिया में आज भी कई ऐसी जगहें हैं जहां महिलाओं को दबाकर रखा जाता है। उन्हें खुलकर अपनी मर्जी से जीने का हक नहीं दिया जाता है। अब इंडोनेशिया के एकेह (Aceh) शहर का मामला ही ले लीजिए।

अश्लीलता फैलाने के लिए मिली सजा

यहाँ एक महिला और उसके पुरुष दोस्त को अश्लीलता फैलाने का दोषी करार दिया गया। इस जुर्म की उन्हें तालिबानी सजा मिली। जज ने दोनों को सरेआम कोड़े मारने का आदेश दिया। अब इस सजा के सही या गलत होने की बात को थोड़ी देर साइड में कर देते हैं। यहां असल मुद्दा ये रहा कि महिला को इस जुर्म के लिए 100 कोड़े मारने की सजा मिली, वहीं उसके पुरुष दोस्त को सिर्फ 15 कोड़े ही मारे गए।

महिला-पुरुष की सजा में भेदभाव

एकेह (Aceh) शहर के जनरल इन्वेस्टिगेशन डिविजन के प्रमुख इवान नज्जर अलावी (Ivan Najjar Alavi) के अनुसार महिला शादीशुदा है। उसने अपने पुरुष दोस्त संग शारीरिक संबंध बनाए। उसका यह पुरुष मित्र भी पहले से शादीशुदा है। वह शहर के फिशरी एजेंसी का प्रमुख है। जब दोनों को कोर्ट में खड़ा किया गया तो महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। ऐसे में जज ने उसे कड़ी सजा सुनाते हुए सरेआम 100 कोड़े मारने का आदेश दिया।

दूसरी तरफ महिला के पुरुष दोस्त ने अपना जुर्म स्वीकार नहीं किया। उसने कहा कि मैंने महिला संग संबंध नहीं बनाए। ऐसे में कोर्ट ने उसे 15 कोड़े मारने की सजा दी। अब सवाल ये उठता है कि महिला ने ईमानदारी से अपना जुर्म स्वीकार कर लिया तो भी उसे 100 कोड़े मारे गए। वहीं उसका पुरुष दोस्त दोषी होने के बावजूद संबंध बनाने की बात से इनकार कर गया और उसे सिर्फ 15 कोड़े मारे गए।

पहले भी सामने आए ऐसे मामले

बताते चलें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब इंडोनेशिया के एकेह शहर में महिलाओं को सरेआम कोड़े मारने की सजा दी गई हो। इसके पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। दरअसल एकेह इंडोनेशिया का अकेला ऐसा शहर है जहां सबसे अधिक मुस्लिम आबादी है। ऐसे में यहां शरिया कानून चलता है। अपराधियों को शरिया कानून के तहत ही सजा दी जाती है। यहां जुआ खेलने, शराब पीने, अश्लीलता फैलाने या फिर समलैंगिक संबंध बनाने जैसी चीजों पर पूरी तरह बैन लगा हुआ है।

महिला और पुरूष में भेदभाव का ऐसा ही एक मामला साल 2018 में भी आया था। तब एक शादीशुदा महिला और पुरूष को पाम ट्री के बाग में शारीरिक संबंध बनाते पकड़ा गया था। ऐसे में महिला को तो कड़ी सजा मिली, लेकिन पुरूष को बस 15 कोड़े मारे गए।

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