छत्तीसगढ़
Election Update : छत्तीसगढ़ में कौन होगा नेता प्रतिपक्ष? जाने कौन-कौन है दावेदार
Paliwalwaniछत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ की सियासी बाजी भी बीजेपी ने अपने नाम कर ली है. बीजेपी के लिए यह जीत राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी ज्यादा अहम मानी जा रही है, क्योंकि कांग्रेस बहुत की कॉन्फिडेंस नजर आ रही थी. सीएम भूपेश बघेल के सियासी कद का बीजेपी में कोई दूसरा नेता भी नजर नहीं आ रहा था. बघेल सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर भी सार्वजनिक रूप से दिख नहीं रही थी. इसके बावजूज बीजेपी ने जिस तरह से जीत दर्ज की है, उससे एक बात साफ है कि इस जीत के पीछे पीएम मोदी का हाथ माना जा रहा है.
डॉ. रमन सिंह
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में किसी भी नेता को सीएम पद का चेहरा घोषित नहीं किया था. पीएम मोदी के नाम और काम पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन बीजेपी ने डॉ. रमन सिंह को उनकी परंपरागत सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. रमन सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे हैं, लेकिन सीएम पद पर अपनी दावेदारी खुलकर पेश नहीं कर पा रहे हैं. बीजेपी जैसे ही 50 सीट पर आगे बढ़ती नजर आई तो रमन सिंह ने जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया और साथ ही उन्होंने अपने 15 साल के कार्यकाल को जोड़कर सीएम पद की दावेदारी पेश कर दी है.
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में है, लेकिन उनकी उम्र सीएम की कुर्सी में बाधा बन सकती है. रमन सिंह 71 साल के हैं, जिसके चलते बीजेपी की नजर भविष्य के नेता की है. बीजेपी ने भूपेश बघेल के खिलाफ ओबीसी दांव खेला था और पार्टी संगठन की कमान अरुण साव को मिली थी. अरुण साव बीजेपी के सांसद हैं और पार्टी ने उन्हें विधानसभा का चुनाव भी लड़ाया है, जिसके चलते उन्हें भी सीएम के रेस में माना जा रहा है. साल 2003 में भी बीजेपी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था और चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रमन सिंह को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप दी थी. यही वजह है कि बीजेपी अगर सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री पद पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का दावा मजबूत माना जा रहा है.
बृजमोहन अग्रवाल
सीएम पद के तीसरे दावेदारों में बृजमोहन अग्रवाल का नाम आता है. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से वो सात बार के विधायक हैं. इस बार वह आठवीं बार चुनाव जीतने में सफल रहे. रमन सिंह की सरकार में अग्रवाल मंत्री भी रह चुके हैं. वो स्वच्छ छवि के सरल-सहज नेताओं में भी गिने जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के सियासी समीकरण में फिट नहीं बैठते हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ सीएम के लिए सरोज पांडेय का नाम भी रेस में शामिल माना जा रहा है. सरोज पांडेय बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं. विजय बघेल और रेणुका सिंह को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन विजय बघेल चुनाव हार गए हैं जबकि रेणुका सिंह आगे चल रही हैं. रेणुका सिंह आदिवासी समुदाय से आती हैं, लेकिन पार्टी क्या उन्हें सीएम बनाएगी?