भोपाल

पधारों, म्हारे देश पांवणा : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सजधज कर तैयार हुई ताल नगरी भोपाल, इंदौर भी मुस्तेद

नितिनमोहन शर्मा
पधारों, म्हारे देश पांवणा : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सजधज कर तैयार हुई ताल नगरी भोपाल, इंदौर भी मुस्तेद
पधारों, म्हारे देश पांवणा : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सजधज कर तैयार हुई ताल नगरी भोपाल, इंदौर भी मुस्तेद

 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मेहमानों के लिए बरातियों जैसे बंदोबस्त, मुख्यमंत्री बने घराती 

 प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने सरकार के हौसले को दी ऊंचाई, पूरी सरकार काम पर 

 सरकार ही नही, पार्टी भी गदगद, सांसदों-विधायकों को मिलेगा प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन 

 मोहन सरकार ही नही, वीडी शर्मा के नेतृत्व में संगठन भी जुटा तैयारियों में 

 नितिनमोहन शर्मा

भोपाल. ताल नगरी भोपाल में तैयारियां ठीक वैसे ही हो रही हैं, जैसे शादी ब्याह में बारात व बारातियों  के लिए की जाती हैं। आने वाले मेहमानों के लिए समूची सरकार एक तरह से 'घराती' बन गई हैं।सरकार के मुखिया डॉ मोहन यादव बीटिया के पिता की भूमिका में हैं और दिनरात एक किये हुए हैं।

ताकि 'बारात'  बंदोबस्त में कोई कमी न रह जाये। हो भी क्यो नही, ये ' अर्थ समागम' उनकी सवा साल की सरकार के लिए बेहद अहम जो हैं। 'परिवार के मुखिया' और ' पितामह ' के रूप में देश के पंत प्रधान की मौजूदगी भी इस समागम में रहना हैं। 'पितामह' की मौजूदगी ने सरकार व उसके मुखिया के हौसले को अनंत ऊंचाई दे दी हैं। पंत प्रधान निवेशकों के बीच देश के दिल यानी मध्यप्रदेश के प्रति विश्वास जगाने आ रहें हैं। जब देश के मुखिया की ' ग्यारंटी ' साथ होगी तो प्रदेश के मुखिया का सीना तो फूलेगा ही न? 

सालभर से चल रहे सरकार के मुखिया डॉ मोहन यादव के परिश्रम के फ़लीभूत होने का क्षण अब आ गया हैं। देश विदेश में जाकर सरकार प्रमुख ने अपने ' अनंत संभावनाओं वाले प्रदेश-मध्यप्रदेश के लिए दिल खोलकर न्यौते दिए हैं। अपने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जर्मनी से लेकर जापान तक दस्तक दी हैं। सरकार के बुलावे पर अब सब आ रहे हैं। मेहमानों के आगमन में दिन अब कितने शेष हैं? आने वाले मेहमानों का आंकड़ा भी हजारो में हैं।

ये सोचकर ही पूरी सरकार ही नही, अब तो संगठन भी मैदान में उतर आया हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी सदलबल सक्रिय हैं। ब्यूरोक्रेसी के तो कहने ही क्या। सरकार ने सब कुछ उनके भरोसे ही रख छोड़ा हैं। लिहाज़ा राजधानी ही नही, प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी भी सरकार के भरोसे पर खरा उतरने को अनथक परिश्रम कर रही है।

बात है मध्यप्रदेश में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की। 24-25 फ़रवरी को प्रदेश की राजधानी इसकी साक्षी बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट में शामिल हो रहें हैं। प्रधानमंत्री के आगमन ने मोहन सरकार की समिट को लेकर की गई ईमानदार तैयारी पर मुहर लगा दी हैं। सरकार ने भी पूरी कोशिश की है कि निवेश प्रस्ताव व वास्तविक निवेश में रत्तीभर अंतर न रहें।

ये प्रयास भी पूरी गम्भीरता से हो रहें हैं कि अनंत संभावनाओं के प्रदेश में निवेश का आंकड़ा राजस्थान व गुजरात से ज़्यादा हो। इसके लिए सीएम ने निवेशकों के लिए ये घोषणा की है कि आप तो आइए, आपके लिए आउट ऑफ वे जाकर भी कुछ करना पड़े, तो सरकार करेगी। अपने प्रदेश में निवेश को लेकर मुख्यमंत्री की इस साफ़गोई को निवेशकों के बीच सराहना भी मिल रही हैं। लिहाज़ा सरकार उम्मीद से है कि मध्यप्रदेश में निवेश के प्रस्ताव का आंकड़ा गुजरात के 34 लाख करोड़, राजस्थान के 27 लाख करोड़ से ज्यादा होंगे।

मुख्यमंत्री ने देश दुनिया मे एक नए मध्यप्रदेश की छवि गढ़ दी 

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने समिट के पहले स्पष्ट कर दिया है कि मध्यप्रदेश में निवेशकों को सिर्फ़ दस अनुमति ही लेनी होगी। पूर्व की तरह 38 प्रकार की नही। नए प्रस्तावों की तमाम बाधाओं को महज 28 दिन में दूर करने का वादा भी किया हैं। सरकार के निवेश के लिए बने नियम कायदों के इस सरलीकरण को उद्योग जगत में बेहद प्रशंसा मिल रही हैं। मुख्यमंत्री के सरल सहज व्यवहार ने भी निवेशकों के बीच एक भरोसा दिलाया हैं।

प्रदेश में निवेश को लेकर उनकी विदेश यात्राओं ने भी उद्योग जगत के बीच मध्यप्रदेश की एक अलग छवि को प्रस्तुत किया हैं। सरकार इस समिट के जरिये एक तरह से मध्यप्रदेश के प्रति दुनिया के देखने के तरीके में बदलाव किया है। जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर समिट को लेकर माहौल खड़ा हुआ है, वह अब तक की हुई 7 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से बिल्कुल हटकर हैं। दृश्य श्रव्य माध्यम पर प्रचार का जो तंत्र खड़ा किया गया हैं, वह प्रदेश की छवि को वाकई अनंत संभावनाओं का मध्यप्रदेश ही निरूपित कर रहा हैं।

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