भोपाल

एक जनवरी से ई-आफिस व्यवस्था लागू करने के दिए निर्देश : सभी विभाग आय के नए स्रोत तलाशें

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एक जनवरी से ई-आफिस व्यवस्था लागू करने के दिए निर्देश : सभी विभाग आय के नए स्रोत तलाशें
एक जनवरी से ई-आफिस व्यवस्था लागू करने के दिए निर्देश : सभी विभाग आय के नए स्रोत तलाशें

भोपाल. मध्य प्रदेश को विकसित बनाना है. इसके लिए आय भी बढ़ानी होगी. सभी विभाग आय के नए स्रोत तलाशें. निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों से संपर्क करें और उनके प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर ध्यान दें. एक जनवरी 2025 तक सभी विभागों में ई-आफिस प्रणाली लागू की जाए.

इसके लिए सभी व्यवस्था समय रहते पूरी कर ली जाए. इससे कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और गतिशीलता आएगी. समय-सीमा में काम हो सकेंगे. यह बात मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शुक्रवार को मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के बाद विभागाध्यक्षों और निगम-मंडलों के प्रबंध संचालकों के साथ पहली बैठक में कही.

उन्होंने कहा कि आप सभी सरकार के महत्वपूर्ण अंग हैं. योजनाओं का क्रियान्वयन एवं नियमों का पालन कराना और उसके अच्छे परिणाम आए, उसकी जिम्मेदारी आपकी है. प्रदेश के वित्तीय वित्तीय संसाधन कैसे बढ़ाए जाएं, इस पर सभी को समान रूप से काम करना चाहिए.

ऐसे स्रोत तलाशे जाएं, जिससे आमजन पर कोई बोझ न पड़े. न्यायालय में चल रहे प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाए. उन्होंने कहा कि आप सभी सरकार के महत्वपूर्ण अंग हैं. योजनाओं का क्रियान्वयन एवं नियमों का पालन कराना और उसके अच्छे परिणाम आए, उसकी जिम्मेदारी आपकी है. प्रदेश के वित्तीय वित्तीय संसाधन कैसे बढ़ाए जाएं, इस पर सभी को समान रूप से काम करना चाहिए.

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रसूति सहायता योजना, संबल, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना सहित प्रदेश में संचालित हो रही, अन्य योजनाओं पर अमल में आ रही समस्याओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली.

समाधान के लिए आपस में समन्वय एवं संवाद पर बल दिया. सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का प्राथमिकता से हो निराकरण जैन ने अधिकारियों से कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जो शिकायतें आती हैं, उनका निराकरण प्राथमिकता से किया जाए. यह योजनाओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त करने का भी महत्वपूर्ण साधन है. इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अतंर्गत अभियान चलाकर किसानों की ई-केवाईसी कराया जाए. बैठक में लोक सेवा गारंटी, समय-सीमा में कार्यों का निष्पादन, कार्यों में पारदर्शिता, मानव संसाधन प्रबंधन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की.

इस दौरान इस दौरान आलोक सिंह, अविनाश लवानिया, कुमार पुरुषोत्तम, अभिजीत अग्रवाल, चंद्रमौली शुक्ला, हर्षिका सिंह, प्रियंका दास ने अपने-अपने विभागों से जुड़ी योजनाओं के साथ नवाचारों और समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी.

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ऐसे स्रोत तलाशे जाएं, जिससे आमजन पर कोई बोझ न पड़े. न्यायालय में चल रहे प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाए.

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रसूति सहायता योजना, संबल, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना सहित प्रदेश में संचालित हो रही, अन्य योजनाओं पर अमल में आ रही समस्याओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली.

समाधान के लिए आपस में समन्वय एवं संवाद पर बल दिया. सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का प्राथमिकता से हो निराकरण जैन ने अधिकारियों से कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जो शिकायतें आती हैं, उनका निराकरण प्राथमिकता से किया जाए.

यह योजनाओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त करने का भी महत्वपूर्ण साधन है. इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अतंर्गत अभियान चलाकर किसानों की ई-केवाईसी कराया जाए.

बैठक में लोक सेवा गारंटी, समय-सीमा में कार्यों का निष्पादन, कार्यों में पारदर्शिता, मानव संसाधन प्रबंधन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की.

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