भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह गुजरात फार्मूले की तर्ज पर मंत्रीमंडल विस्तार कर सकते हैं...!
Paliwalwaniविनय अग्रवाल...✍️
भोपाल :
मध्यप्रदेश में भी जल्द ही गुजरात फार्मूला लागू हो सकता हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जल्द ही इस माह अपने मंत्रीमंडल का चुनावी वर्ष में आखिरी विस्तार कर सकते है और ऐसी संभावना बनी हुई है कि 11 नये विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं 6 वरिष्ठ मंत्रियों को घर बिठाया जा सकता हैं जिनकी परफोरमेंस ठीक नहीं है, एक-दो ऐसे मंत्री भी घर बिठाये जा सकते हैं, जिन्होंने सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से ही पहले भाजपा शिवराज सरकार में गुजरात फार्मूला लागू कर जीत का गणित बैठाने वाली है। इसमें उन मंत्रियों को घर बैठाया जायेगा, जिनका परफोरमेंस ठीक नहीं है। शिवराज सरकार का तीसरा और अंतिम मंत्रीमंडल विस्तार और बड़ा फेरबदल साल के सबसे छोटे महीने फरवरी के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है, क्योंकि 25 फरवरी 2023 तक भाजपा की विकास यात्रा निकलेगी।
10 से 12 नये चेहरे मंत्रीमंडल में शामिल होने के संकेत हैं। मंत्रीमंडल में फिलहाल चार पद खाली हैं। माना जा रहा है कि मौजूदा मंत्रियों में 6 से 8 की छुटटी हो सकती है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री को मिलाकर केबिनेट में 31 सदस्य हैं। मंत्रीमंडल में मुख्यमंत्री सहित 35 सदस्य हो सकते हैं। इन चार खाली पदों को भरे जाने के साथ ही नान परफोरमेंस वाले मंत्रियों को बदला जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में हुई दो कोर कमेटियों में इस पर सहमति बन गई है, क्योंकि कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी कोर कमेटी तक पहुंची थी।
मंत्रियों पर संगठन की नजर
मौजूदा केबिनेट के 6 मंत्रियों पर संगठन की नजर है। इसमें बुंदेलखण्ड के दो, मालवा निमाड से एक, ग्वालियर संभाग से एक, मध्य भारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल दौरे में साफ किया था कि सबको अपना-अपना काम निष्ठा से करना होगा। माना जा रहा है कि उन मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं जिनके पास भारी भरकम विभाग हैं। हालांकि सीएम शिवराज सिंह चुनाव के पहले रिस्क नहीं लेना चाहेंगे। ऐसे में मंत्री पद से किसे हटाया जायेगा, यह फैसला केन्द्रीय नेतृत्व करेगा। लेकिन धुकधुकी सभी मंत्रियों के होने लगी हैं।
9 मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक
शिवराज केबिनेट में 30 फीसदी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों में 6 मंत्री को केबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ हैं और तीन राज्यमंत्री हैं। माना जा रहा है कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। अभी ये साफ नहीं हुआ है कि किन मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
बढ़ सकता विंध्य का कोटा
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुये भाजपा अब स्थानीय और जातिगत समीकरण भी साधने की तैयारी में है। विंध्य क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। 2023 में यहां फिर से उसी तरह के प्रदर्शन को दोहराने के लिये बीजेपी यहां से मंत्रियों की संख्या बढ़ा सकती है। यहां से पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला व जबलपुर से अजय विश्नोई को फिर मंत्री बनाया जा सकता हैं। मालवा से भी पार्टी को ताकत देने के लिये दिग्गज भाजपा विधायक रमेश मेंदोला भी मंत्रीमंडल में आ सकते हैं, वहीं कैलाश विजयवर्गीय से अपनी बेहतर टयूनिंग बिठाने के लिये मुख्यमंत्री युवा विधायक आकाश विजयवर्गीय को भी राज्यमंत्री का तोहफा दे सकते हैं।
क्या है गुजरात फार्मूला?
गुजरात फार्मूले में गुजरात में चुनावी वर्ष में दिग्गज मंत्री विधायकों को बिठाकर नये चेहरों को मौका दिया गया था। जिस कारण आप व कांग्रेस के बढ़ते बजूद के बाबजूद भाजपा अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री का सपना देख रहे विधायक स्वयं मुख्यमंत्री की आंखों की किरकिरी बने हुये हैं, इसीलिये संगठन की आड़ में ऐसे दिग्गज मंत्री बाहर किये जा सकते हैं, जो भविष्य में मुख्यमंत्री के लिये अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।