भोपाल
मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री खुद ही भरेंगे अपना इनकम टैक्स
sunil paliwal-Anil Bagoraभोपाल.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आज राजधानी भोपाल में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। विधानसभा सत्र से पहले मंत्रालय में हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है। मध्य प्रदेश के मंत्री अब खुद अपना इनकम टैक्स जमा करेंगे। मंत्रियों के इनकम टैक्स भरे जाने वाले अधिनियम को सरकार ने समाप्त कर दिया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री अब खुद अपना आयकर यानी इनकम टैक्स भरेंगे। मंगलवार को सीएम मोहन यादव ने इस बड़े फैसले का ऐलान किया है। राज्य में अभी तक सरकार मंत्रियों और मुख्यमंत्री का इनकम टैक्स भरती थी। इस फैसले से अब शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। मंगलवार दिनांक 25 जून 2024 को आयोजित कैबिनेट बैठक में सीएम डॉ. यादव ने इसका सुझाव रखा, जिस पर सभी ने सहमति दी है।
साल 1972 में मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार द्वारा भरने का नियम बना था। अब 52 साल बाद मोहन सरकार ने इसको बदल दिया है। आज कैबिनेट में सभी मंत्रियों की सहमति से यह फैसला लिया गया। साल 2023 से 2024 के लिए मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष सहित 35 जनप्रतिनिधियों का 79 लाख से ज्यादा का इनकम टैक्स प्रदेश की सरकार ने जमा किया था। पिछले पांच साल में मंत्रियों के आयकर पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए सरकार के खर्च हुए हैं।
एग्रीकल्चर से पास आउट होने वाले युवाओं के रोजगार के लिए भी इस बैठक में निर्णय लिए गए हैं। कृषि संबंधित सहकारी संस्थाओं में एग्रीकल्चर स्टूडेंट व्यवस्थित रूप से सॉइल टेस्ट कर सकेंगे। हर ब्लॉक में 45 सॉइल टेस्ट होगा जिसका खर्च सरकार देगी। किसानों को समझाकर जितना सॉइल टेस्ट करवाएंगे, उससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा। साथ ही किसानों को उनकी सॉइल रिपोर्ट भी सही मिलेगी। सभी 313 ब्लॉक में यह प्रयोगशाला काम करेगी।
CSR के फंड से 10 हेक्टेयर जमीन पर ही पेड़ लगाए जा सकते थे। लेकिन अब उस सीमा को खत्म कर दिया`गया है। अगर कोई CSR के माध्यम से एक हेक्टर से लेकर 5 हेक्टेयर तक पौधारोपण करना चाहता है तो वह सीएसआर के फंड से हो सकेगा। आज मोहन कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश के बाहर पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी अहम फैसला लिया गया है। सरकार ने निर्णय किया है कि अब उन छात्रों को भी स्कॉलरशिप दिया जाएगा।
रेल योजना की परियोजनाओं में मॉनिटरी और सहभागी का काम परिवहन विभाग करता था। लेकिन अब अब उनके समन्वय का काम लोक निर्माण विभाग करेगा। आज मोहन सरकार ने उन जवानों के परिवार के लिए भी निर्णय लिया है जो पैरामिलिट्री, मिलिट्री या पुलिस में देश सेवा करते हुए शहीद हो जाते हैं।
सरकार ने निर्णय लिया कि अब शहीदों को राज्य सरकार से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत उनके माता-पिता को दिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि देखा जाता था कि किसी घर का इकलौता बेटा शहीद हो गया। उसके शहीद होने पर मिलने वाली राशि उसकी पत्नी को दे दी जाती थी। पत्नी पैसे लेकर चली जाती थी और परिवार वंचित हो जाता था। लेकिन अब उनके माता-पिता को राज्य सरकार 50 प्रतिशत राशि देगी।