भोपाल
दैनिक वेतनभोगीयों को न्यूनतम वेतनमान देकर 15 अगस्त तक नियमितीकरण का तोहफा संभव
jayram paliwalभोपाल। पालीवाल वाणी सूत्रों को मिली जानकारी के अनुसार शिवराज सरकार अभी भी दैनिक वेतनभोगीयों के हित में पूरी तरहा तैयार नहीं है। इसीलिए बार-बार केबिनेट बैठक में दैनिक वेतनभोगियों के संबंध में स्पष्ट घोषणा करने के पूर्व सालाना क्षति होने का डर सताया जा रहा है। लेकिन मंजूरी है कि उसे सुप्रीम कोर्ट में बताना है कि हमने दैनिक वेतनभोगियों के हित में प्रदेश में लगभग 55 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, जिन्हें नियमित करने के लिए विभागों के पास पद ही नहीं हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने इन्हें न्यूनतम वेतनमान देकर नियमित कर्मचारी जैसी सुविधाएं देने का फैसला किया है। राज्य सरकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन (4440-7440) देने की तैयारी कर रही है। यानी अकुशल दैवेभो को 10,074 और उच्च कुशल को 11,607 रुपए वेतन मिलेगा। वित्त विभाग इस प्रस्ताव का परीक्षण कर रहा है। इस निर्णय का लाभ प्रदेश के 55 हजार दैवेभो को मिलेगा। प्रदेश के 55 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नाराजगी और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की चेतावनी के बीच सरकार ने पैंतरा बदल दिया है। अब दैवेभो को ग्रेड-पे के साथ वेतन बैंड देने की तैयारी है। इसके लिए सरकार दैवेभो सेवा नियम 2013 की कंडिका पांच में संशोधन करेगी।
ये होगी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की पे स्केल
ऐसा रहेगा सेलरी स्ट्रक्चर
अकुशल दैवेभो : 3500-10,000-1100+119 फीसदी डीए - 10,074
अर्द्धकुशल दैवेभो : 3500-10,000-1300+119 फीसदी डीए - 10,512
कुशल दैवेभो : 3500-10,000-1600+119 फीसदी डीए - 11,169
उच्च कुशल दैवेभो : 3500-10,000-1800+119 फीसदी डीए - 11,607
न्यूनतम वेतन- महंगाई भत्ता, ग्रेड-पे का लाभ देने का निर्णय
पालीवाल वाणी सूत्रों को मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के दबाव में राज्य सरकार दैवेभो कर्मचारियों को वेतन देने को तैयार तो हो गई है, लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन ही दिया जाएगा। इसके साथ उन्हें महंगाई भत्ता, ग्रेड-पे का लाभ देने का निर्णय हो चुका है लेकिन सालाना वेतनवृद्धि नहीं दी जाएगी। सरकार ने दैवेभो को वेतन देने के लिए दैवेभो सेवा शर्तें 2013 के नियम-5 में संशोधन किया है। जिसे कैबिनेट से पारित कराकर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शिवराज सरकार अब 15 अगस्त को दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण का ऐलान
शिवराज सरकार अब दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण का ऐलान 15 अगस्त को करने का मन बना रही है। इसके लिए सैद्धांतिक सहमति पहले से ही बन चुकी है। सरकार चाहती है कि उनके पदनाम में भी परिवर्तन किया जाए। मप्र में करीब 55 हजार दैनिक वेतन भोगी अपने अधिकारों का इंतजार कर रहे हैं। सरकार लंबे समय से इस मामले को टालती आ रही है। पिछले सप्ताह मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में निर्माण विभाग के प्रमुखों के साथ बैठक भी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का पदनाम बदलने पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इसके लिए विभागों से संभावित नाम भी मांगे गए हैं। पालीवाल वाणी सूत्रों को मिली जानकारी के अनुसार मुताबिक दैनिक वेतनभोगियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियमितीकरण की मांग को लेकर याचिका दायर करने के बाद सरकार इस मुद्दे पर गंभीर हुई है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस देकर रिपोर्ट मांगी थी। आनन-फानन में जल संसाधन, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और नगरीय विकास ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित करने की कार्रवाई की।इसके बाद भी प्रदेश में लगभग 55 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, जिन्हें नियमित करने के लिए विभागों के पास पद ही नहीं हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने इन्हें न्यूनतम वेतनमान देकर नियमित कर्मचारी जैसी सुविधाएं देने का फैसला किया है। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि ये रास्ता सबसे सुविधाजनक है। हालांकि, इसे लागू करने पर सरकार के खजाने पर सालाना 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का भार आएगा। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को 4440-7440 का न्यनूतम वेतनमान दिया जा सकता है। इससे कर्मचारियों को 11 हजार रुपए तक फायदा होगा।
दैवेभो कर्मचारी को मिलेगा Rs.10074 वेतन
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को अब नई व्यवस्था में 4420-7440 रु का वेतनमान मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पालन में रा’य सरकार ने आदेश जारी किए कि अकुशल श्रमिक को 10074 रुपए मासिक व कुशल श्रमिक को 11607 रुपए मासिक रुपए वेतन मिलेगा। इसके साथ ही कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, ग्रेड-पे का लाभ मिलेगा। लेकिन सालाना वेतनवृद्धि का लाभ नहीं दिया जाएगा। इस कार्रवाई से प्रदेश के 55000 दैनिक वेतन भोगी लाभान्वित होंगे। दैनिक वेतन भोगी को ग्रेड-पे के साथ वेतन बैंड मिलेगा
सूचना:-सभी जानकारी विश्वस्त सूत्रों से मिली है, किसी भी प्रकार का परिवर्तन होना संभव है। वास्तविक जानकारी आप भी चेक कर ले।
नोट:- किसी भी वाद-विवाद की स्थिति में इंदौर मध्यप्रदेश न्यायलाय ही मान्य होगा। -संपादक
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