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चाइनीज कंपनियां भारत के आगे झुक गई : TATA की मदद लेनी पड़ी

paliwalwani
चाइनीज कंपनियां भारत के आगे झुक गई : TATA की मदद लेनी पड़ी
चाइनीज कंपनियां भारत के आगे झुक गई : TATA की मदद लेनी पड़ी

टाटा अब ऑटो सेक्टर के साथ-साथ टेक सेक्टर में भी आगे बढ़ने की प्लानिंग कर रही है.टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स चीन की मोबाइल कंपनियों के साथ मिलकर स्मार्टफोन बनाएगी. अगर ये कोलेबरेशन हो जाता है तो भारत में ही Xiaomi और Oppo जैसे बड़े ब्रांड्स के फोन बन सकते हैं. मौजूदा समय में टाटा Apple iPhone बना रही है. अगर ये समझौता होता है तो भारत में स्मार्टफोन प्रोडक्शन बढ़ सकता है.

टाटा की Vivo कंपनी के साथ भी बातचीत चल रही है. अगर ये डील पूरी हो जाती है, तो कंपनी iPhone के अलावा Oppo, Vivo और Xiaomi के फोन भी भारत में ही बनाएगी. इससे भारत में स्मार्टफोन प्रोडक्शन बढ़ेगा. इस से भारत की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा हो सकता है.

शाओमी को भारत में रहने के लिए टाटा इलेक्ट्रोनिक की मदद की जरूरत है. शाओमी का खुद की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी नोएडा में है. लेकिन कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. अगर टाटा के साथ डील हो जाती है तो उसे इससे काफी फायदा मिल सकता है.

इस साझेदारी से देश में रोजगार के दरवाजे खुल जाएंगे. इससे जब बड़ी कंपनियां भारत में मोबाइल बनाने के लिए फैक्ट्री लगाएंगी. उन फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग भी भारत के होंगे . इसके अलावा इससे देश के विकास में भी मदद मिल सकती है.

Vivo और Dixon ने मिलकर एक नई कंपनी बनाने का ऐलान किया था. ये दोनों इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाएंगी. Dixon की इस कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. ये कंपनी मोबाइल के अलावा दूसरी इलेक्ट्रॉनिक चीजें भी बनाने वाली है. इससे भारत में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ सकती है.

टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के मुताबिक, टाटा ग्रुप अगले 24 महिनों में 9 नई फैक्ट्री की प्लानिंग पर काम कर रहा है. इसके लिए 18 बिलियन डॉलर (करीब1लाख 58 हजार करोड़) का इन्वेस्टमेंट भी किया जाएगा. पिछले महिने आई एक रिपोर्ट में टाटा इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोसॉफ्ट, Dell, HP के अलावा और भी टेक कंपनियों से बातचीत कर रही थी.

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