ज्योतिषी
ज्योतिष शास्त्र : जन्मकुंडली में गुरु ग्रह अशुभ और कमजोर हो तो जीवन में आने लगती है ऐसी परेशानियां
Paliwalwaniज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह का अपना एक विशेष महत्व होता है। साथ ही हर ग्रह अपना असर मानव जीवन के ऊपर छोड़ता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं गुरु बृहस्पति ग्रह की, जिनको ज्योतिष में देवताओं का गुरु कहा जाता है। साथ ही गुरु ग्रह जन्मकुंडली में पति- पत्नी, बड़े भाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि जन्मकुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति सही न हो तो व्यक्ति को नौकरी तथा विवाह आदि में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपको हम आज बताने जा रहे हैं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर या अशुभ हो तो उसको जीवन में क्या परेशानियां आने लगती हैं और उसके उपाय क्या हैं।
गुरु कमजोर होने से जीवन में आने लगती हैं ये परेशानियां:
जन्मकुंडली में पीड़ित बृहस्पति जातकों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसके कारण जातक को विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है तो उसे इस क्षेत्र में परेशानियाँ आएंगी। पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है और उसके मूल्यों का ह्लास होता है। पीड़ित गुरु व्यक्ति को शारीरिक कष्ट भी देता है। साथ ही ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह अगर अशुभ हो तो व्यक्ति को पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, कमज़ोर पाचन तंत्र, कैंसर जैसी बीमारी होने का ख़तरा रहता है।
करें ये उपाय:
1- बृहस्पतिवार के दिन सुबह स्नानादि कर पवित्र हो जाएं। फिर पीले रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद भगवान बृहस्पति देव के मंदिर जाकर केले के पेड़ की पूजा करें। पूजा करते हुए केले के पेड़ पर हल्दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं। साथ ही हल्दी वाला जल अर्पित करें। संभव हो तो केले के पेड़ के पास बैठकर बृहस्पतिवार व्रत कथा का पाठ भी करें।
2- बृहस्पतिवार के व्रत रखें। भगवान बृहस्पति देव की उपासना करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
3-नहाने के पानी में हल्दी डालकर, उस पानी से नहाएं। कहा जाता है कि इस आसान उपाय को करने से बहुत जल्द भगवान बृहस्पति की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
4- बृहस्पति देव का रंग पीला माना जाता है। कहते हैं कि बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग का ज्याद-से-ज्यादा उपयोग किया जाना चाहिए। जैसे – पीले रंग के कपड़े पहनें। पीले रंग के कपड़े दान करें।