उत्तर प्रदेश

स्वामी प्रसाद ने ठेंगे पर रखा, फिर हिन्दुओं पर बोला हमला : सपा के ब्राह्मण नेता भी नाराज

paliwalwani
स्वामी प्रसाद ने ठेंगे पर रखा, फिर हिन्दुओं पर बोला हमला : सपा के ब्राह्मण नेता भी नाराज
स्वामी प्रसाद ने ठेंगे पर रखा, फिर हिन्दुओं पर बोला हमला : सपा के ब्राह्मण नेता भी नाराज

उत्तर प्रदेश : 

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देशों का भी कोई अमल होते नहीं दिख रहा है. उन्होंने एक बार फिर हिन्दुओं पर हमला बोला है. जबकि अखिलेश ने एक दिन पहले ही लखनऊ में हुए सम्मेलन में स्वामी प्रसाद को ऐसे विवादित बयानों से दूर रहने की सलाह दी थी.सपा मुखिया अखिलेश यादव ने माना कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म खासर ब्राह्मणों के खिलाफ सही नहीं बोलते हैं. 

स्वामी प्रसाद ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, आरक्षण को शून्य किया जा रहा है.वोट देने के लिए हम हिंदू और सता के बाद बहुजन हिंदू नही होते. संविधान को शून्य किया जा रहा है. निष्प्रभावी किया जा रहा है. लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है. 150 सांसदो को संसद के बाहर किया गया.सरकार अपनी बात को थोपने का काम कर रही है. अपनी कमजोरियां छिपाने के लिए सरकार हथकंडे अपना रही है. हिंदू एक धोख़ा है. मोदी जी ने भी कहा है कि हिंदू कोई धर्म नही है.लेकिन जब स्वामी प्रसाद कहते हैं तो सबकी भावनाएं आहत हो जाती हैं.

दरअसल, समाजवादी पार्टी अब पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे के साथ लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ रही है. लोकसभा चुनाव से पहले सपा अब ब्राह्मण समाज को भी साधने में जुट गई है.  प्रदेश मुख्यालय में रविवार को आयोजित महाब्राह्मण महापंचायत इसी कड़ी का हिस्सा माना था. अखिलेश यादव ने महापंचायत को लेकर कहा कि यह ब्राम्हणों को सपा से जोड़ने की मुहिम का हिस्सा है. सपा मुख्यालय में महाब्राम्हण सम्मेलन में सर्वाधिक नाराजगी स्वामी प्रसाद के बयानों को लेकर दिखी. इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने माना कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म और ब्राह्मणों के खिलाफ गलत बोलते हैं. 

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से हिंदू वर्ग आक्रोशित

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगातार ब्राह्मणों और हिंदू समाज के खिलाफ बयान दिए हैं. हिंदू देवी- देवताओं और धार्मिक ग्रंथों को निशाना बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक अलग ही माहौल बनाने का प्रयास किया. ऐसा माना गया कि इससे सपा दलित समाज को जोड़ने में कामयाब हो जाएगी.  बद्रीनाथ धाम हो या रामचरितमानस विवाद हो, या फिर राम मंदिर पर दिया गया बयान, स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों ने हिंदू वर्ग को आक्रोशित किया है. इसके अलावा साधु- संतों को लेकर दिए गए उनके बयानों से भी आक्रोश बढ़ा है. लोगों ने कहा कि स्वामी के बयानों से सपा को लगातार नुकसान हो रहा है. पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान स्वामी प्रसाद के बयानों से हुआ है. 

महा ब्राह्मण समाज पंचायत का सम्मेलन में अखिलेश ने दिया आश्वासन

एक दिन पहले लखनऊ स्थित सपा के प्रदेश मुख्यालय में कन्नौज से आए महा ब्राह्मण समाज पंचायत का सम्मेलन हुआ जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा दिए गए बयानों का मुद्दा भी उठा. सपा प्रबुद्ध सभा की राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने नाम लिए बगैर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर आपत्ति जताई. पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस तरह के बयानों पर रोक लगाने की मांग की. इन मुद्दों के महासम्मेलन में उठने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है.अखिलेश ने कहा कि इस तरह की चीजों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. अखिलेश ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह नसीहत दी कि धर्म और जाति को लेकर टिप्पणी ना करें. 

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