उत्तर प्रदेश
नाबालिग के साथ सालों तक दुष्कर्म के मामले में कई नेताओं के खिलाफ FIR : समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
Paliwalwaniलखनऊ. योगी सरकार का एक्शन कहे या बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाने का प्रयास. इस बार योगी सरकार ने कहीं मामलों पर पुलिस को कार्यवाही करने के निर्देश पर अपराधियों के हौंसले पस्त पड़ गए है, वही कई पर कठोर कार्यवाही होने से जेल की हवा खा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला समाने आने से योगी सरकार एक्शन में आ गई. विगत कुछ सालों में अपनी नाबालिग बेटी से 28 अन्य लोगों के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी शख्स के लिए पेरशानियां और बढ़ गई है. यूपी के ललितपुर में 17 वर्षीय लड़की द्वारा अपने पिता और समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पदाधिकारियों सहित कई अन्य के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने के दो दिन बाद उसकी मां ने अब अपने पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिता ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया और उसे घरेलू हिंसा का भी शिकार बनाया, जिसमें उसके ससुराल वाले भी शामिल थे. दुष्कर्म पीड़िता की मां ने पति और ससुराल वालों सहित 11 लोगों के खिलाफ पुलिस में दर्ज शिकायत में दावा किया है कि 2003 में उसके पति ने उसके माता-पिता को नशीला पदार्थ देकर घर से उसका अपहरण कर लिया था. वह उसके सोने के जेवर भी साथ ले गया था. बाद में, उसे जबलपुर ले जाया गया जहां उसके रिश्तेदारों की उपस्थिति में आर्य समाज के एक मंदिर में उसकी जबरन शादी कर दी गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके पति ने शादी के पहले दिन से ही उसे लगातार पीटा और प्रताड़ित किया. गर्भवती होने के बाद उसे गर्भपात कराने के लिए कहा गया लेकिन जब उसने मना किया तो ससुराल वालों ने उसे खाना देना बंद कर दिया. पड़ोसियों द्वारा दिए खाने को खाकर वह किसी तरह बच गई. बेटी को जन्म देने के बाद फिर प्रताड़ित किया. दोबारा गर्भधारण करने के बाद उसके पति ने कथित तौर पर उसके गुप्तांगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. ससुराल वालों ने भी कई मौकों पर उसे मिट्टी का तेल पिलाकर, जहर देकर और तेजाब फेंकने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह बच गई. उसका पति उसकी बेटी को स्कूल के बाद कई स्थानों पर ले जाने और उसे बेचने की कोशिश करने के अलावा उसकी बेटी का भी यौन शोषण करता था. शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिला के पति, ननद और सास समेत कई लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए, 366, 323, 506, 326 377 के अलावा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 का 4/5 आईपीसी की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने प्राथमिकी के खिलाफ ज्ञापन देने पहुंचे बसपा के 200 और सपा के 250 कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी दो प्राथमिकी दर्ज की है. योगी सरकार ने बता दिया है कि बेटियों पर होने वाले अत्याचार को सहन नहीं करेंगे और उनके राज्य में हर व्यक्ति को न्याय तुरंत मिलेगा. इस प्रकरण को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है.