उत्तर प्रदेश
आखिर कैसे मची महाकुंभ में भगदड़ : ‘संगम नोज पर आम लोग पहुंच गए, बैरिकेडिंग टूटे और…’
PushplataMauni Amavasya 2025: प्रयागराजमेले में मौनी अमावस्या से पहले मंगलवार आधी रात को भगदड़ मचने की घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे प्रशासन की नाकामी मान रहे हैं, तो कुछ संगम नोज के पास लगे बैरियर के अचानक टूटने को इसकी वजह बता रहे हैं। इसके अलावा, मेले में बनाए गए 30 पॉन्टून पुलों का पूरी क्षमता से उपयोग न किया जाना भी भीड़ नियंत्रण में बाधा बनने का एक कारण माना जा रहा है। हालांकि इस भगदड़ की असली वजह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी, लेकिन घटना में हताहत हुए लोगों के परिजनों का गुस्सा मेले की व्यवस्थाओं को लेकर साफ दिख रहा है।
4000 हेक्टेयर में फैला मेला क्षेत्र 25 सेक्टरों में बंटा हुआ है
घटना संगम नोज क्षेत्र में हुई, जहां आम तीर्थयात्री अमूमन बड़े पर्व के दिन नहीं जाते। यह स्थान अखाड़ों के संतों के शाही स्नान के लिए निर्धारित है, फिर भी वहां आम श्रद्धालु रात में कैसे पहुंचे, यह जांच का विषय है। महाकुंभ मेले का क्षेत्र 4,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे 25 सेक्टरों में बांटा गया है। संगम तट पर कुल 41 घाट बनाए गए हैं, जिनमें 10 पक्के और 31 अस्थायी घाट शामिल हैं।
मेले की विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने बुधवार सुबह मीडिया से कहा कि संगम मार्गों पर कुछ बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। कुछ लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज जारी है, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है। कर्नाटक से आई एक महिला, जिसने हादसे में अपने परिजन को खो दिया, बताया कि रात में अचानक भीड़ संगम नोज की ओर बढ़ने लगी। इसी दौरान पीछे से धक्का-मुक्की हुई, जिससे लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और दबाव की वजह से बैरिकेड भी टूट गया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि रात 3 से 4 बजे के बीच कई लोग वहीं बैठकर स्नान की तैयारी करने लगे, जिससे रास्ता अवरुद्ध हो गया। पीछे से आने वाली भीड़ आगे बढ़ने लगी और जगह कम होने के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इसी तरह, एक और श्रद्धालु ने बताया कि जब वे रात साढ़े बारह बजे स्नान कर बाहर निकले, तो उन्होंने देखा कि प्रवेश मार्ग से भी लोग अंदर आ रहे थे, जिससे अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ के हालात बन गए।
महाकुंभ मेला प्रशासन का कहना है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में है। सभी घाटों पर स्नान का कार्य चल रहा है। श्रद्धालुओं के आने और स्नान करके जाने का क्रम लगातार जारी है।