धर्मशास्त्र

Vastu Tips : कहीं आपके बाथरूम में तो नहीं है वास्‍तुदोष, इन 5 बातों से जानिए बाथरूम का वास्तु कैसा होना चाहिए

Pushplata
Vastu Tips : कहीं आपके बाथरूम में तो नहीं है वास्‍तुदोष, इन 5 बातों से जानिए बाथरूम का वास्तु कैसा होना चाहिए
Vastu Tips : कहीं आपके बाथरूम में तो नहीं है वास्‍तुदोष, इन 5 बातों से जानिए बाथरूम का वास्तु कैसा होना चाहिए

हमारे जीवन में वास्तु का बहुत महत्व होता है। अगर हमारा घर वास्तु के अनुसार नहीं बना हो तो घर में अशांति रहती है। वहीं अगर घर बनवाते समय वास्तु के नियमों का ध्यान नहीं रखा जाए तो घर में सुख- समृद्धि का अभाव रहता है। घर के लोगों में बेवजह क्लेश और लड़ाई- झगड़े होते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं बाथरूम के वास्तु के बारे में। मतलब वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम का वास्तु कैसा होना चाहिए। आइए जानते हैं…

इस दिशा में हो बाथरूम

वास्तु अनुसार दक्षिण या ईशान कोण में घर का बाथरूम नहीं होना चाहिए। मकान के पूर्व दिशा में स्नानघर होना अच्छा माना गया है। ऐसा करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है। साथ ही घर के सदस्यों की तरक्की भी होती है।

तस्वीर और पौधे नहीं लगाएं

घर के बाथरूम में किसी भी प्रकार की तस्वीर और पौधे नहीं लगाने चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष लग सकता  है। साथ ही घर में नकारत्मकता फैल सकती है। साथ ही बाथरूम के अंदर उचित दिशा में एक छोटा सा आईना लगाना सही रहता है।

नहीं होना चाहिए अटैच बाथरूम

वास्तु शास्त्र के मुताबिक अटैच बाथरूम नहीं होना चाहिए। क्योंकि का स्थान होता है। इसलिए अटैच बाथरूम वास्तु दोष उत्पन्न करता है। जिसके कारण परिवार में आपसी मनमुटाव और धन की हानि होती है। साथ ही नकारात्मकता भी फैल जाती है। वहीं अगर ऐसा है तो शौचालय में शीशे की कटोरी में नमक भरकर रखना चाहिए और सप्ताह में इसे बदलते रहना चाहिए।

वास्तु देवता का मिलता है आशीर्वाद

वास्तु शास्त्र अनुसार दक्षिण पूर्व कोने में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगानी चाहिए। वहीं उत्तर दिशा में नल और शॉवर लगाना चाहिए। बाथटब को पूर्व पश्चिम या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसके अलावा वॉशबेसिन को उत्तर पूर्वी, उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख- समृद्धि का वास रहता है। साथ ही वास्तु देवता का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस दिशा में लगाएं पिरामिड

अपने शौचालय की दक्षिण दीवार पर पिरामिड लगाएं। यह वास्तु दोष को दूर करने में बहुत ही कारगर माना जाता है। साथ ही इससे नकारात्मकता ऊर्जा समाप्त होती है।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News