धर्मशास्त्र

पाप से मुक्ति पाने के लिए पापमोचनी एकादशी पर करें ये खास उपाय : जाने अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिलती

paliwalwani
पाप से मुक्ति पाने के लिए पापमोचनी एकादशी पर करें ये खास उपाय : जाने अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिलती
पाप से मुक्ति पाने के लिए पापमोचनी एकादशी पर करें ये खास उपाय : जाने अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिलती
    1. एकादशी वर्ष के प्रमुख व्रतों में से एक है.

    2. एकादशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है.

    3. एकादशी माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है.

पापमोचनी एकादशी का महत्‍व सभी एकादशी तिथियों में बहुत खास माना गया है। इस दिन मां लक्ष्‍मी और भगवान विष्णु की पूजा एक साथ करनी चाहिए। इस दिन पापमोचनी एकादशी के कुछ खास उपाय करने से आपके जाने अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिलती है। आपकी तरक्‍की में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

आपके कार्य में आ रही हर प्रकार की रुकावट दूर हो रही है। पापमोचिवी एकादशी के बारे में शास्‍त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्‍णु को यह तिथि बहुत प्रिय है। इस दिन व्रत‍ करने से आपको श्रीहरि की विशेष कृपा से करियर में तरक्‍की होती है। आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी के अचूक उपाय।

पापमोचनी एकादशी के शुभ अवसर पर आप गेंदे के फूल से अपने पूजा घर, रसोई घर और तुलसी के पौधे को सजाएं। इस उपाय को करने से आपके घर की हर बुरी नजर से रक्षा होती है और आपके घर परिवार के लोग सुखी संपन्‍न रहते हैं। अगले दिन इन फूलों को बहते जल में प्रवाहित कर दें।

पापमोचनी एकादशी पर शाम के वक्‍त घर के मुख्‍य द्वार पर 9 बत्तियों वाला दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके घर की तरफ मां लक्ष्‍मी आकर्षित होती हैं और आपके घर में सुख संपदा बढ़ती है। आपके सुख में वृद्धि होती है और मां लक्ष्‍मी सदैव आपके घर में वास करती हैं।

पापमोचनी एकादशी पर प्रदोष काल में घी का दीपक जलाकर रखें और उसके सामने बैठकर विष्‍णु सहस्‍त्रनाम से पाठ करें। ऐसा करने से आपको हर प्रकार के पाप से मुक्ति मिलती है। आपके घर परिवार के लोग हर प्रकार की विघ्‍न बाधा से दूर रहते हैं और उनके हर कार्य बिना रुकावट के पूर्ण होते हैं।

पापमोचनी एकादशी पर चावल का उपाय

पापमोचनी एकादशी पर चावल का यह उपाय करना बहुत ही अच्‍छा होता है। वैसे तो एकादशी के दिन चापल को स्‍पर्श करने के लिए भी मना किया गया है। इस दिन चावल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस पूजा में चावल रखकर उस पर दीपक रखकर जलाएं। दीपक के पूरा जल जाने के बाद उन चावल को लाल पोटली में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय को करने से आपको जीवन में कभी धन हानि नहीं होगी।

पापमोचनी एकादशी पर सुब‍ह स्‍नान करने के बाद पति और पत्‍नी मिलकर सुबह के वक्‍त तुलसी के पौधे में एक साथ कलावा बांधें। इस उपाय को करने से आपके बीच में प्रेम बढ़ता है और आपका दांपत्‍य जीवन सुखमय होता है। आपके घर में सुख शांति परस्‍पर स्‍नेह बढ़ता है। जिन पति-पत्‍नी के बीच में लड़ाई और मतभेद होते हैं। उनको यह काम करना चाहिए।

पापमोचनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 अप्रैल, 2024 दिन बृहस्पतिवार शाम 04 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही इसका समापन अगले दिन 05 अप्रैल, 2024 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए इस दिन का व्रत 05 अप्रैल को रखा जाएगा।

पापमोचनी एकादशी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

इस दिन का उपवास भक्त शांतिपूर्ण जीवन जीने और अपनी पिछली गलतियों की क्षमा के लिए करते हैं। इस व्रत का महत्व स्वयं भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को समझाया था और यह भविष्योत्तर पुराण में पाया जा सकता है। यह एकादशी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के दौरान आती है। पापमोचनी दो शब्दों से मिलकर बना है - पाप और 'मोचनी'। इसका अर्थ है पाप समाप्त करने वाला। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए और अपने सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है।

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