धर्मशास्त्र

Karwa Chauth Special : करवा चौथ में सरगी क्यों दी जाती है?, सरगी की थाली में क्या-क्या शामिल होना चाहिए?, जानिए

Pushplata
Karwa Chauth Special : करवा चौथ में सरगी क्यों दी जाती है?, सरगी की थाली में क्या-क्या शामिल होना चाहिए?, जानिए
Karwa Chauth Special : करवा चौथ में सरगी क्यों दी जाती है?, सरगी की थाली में क्या-क्या शामिल होना चाहिए?, जानिए

करवा चौथ हर महिला के लिए बेहद खास होता है। इसे हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रखा जाता है। इस बार यह 13 अक्टूबर को आ रहा है।

करवा चौथ में है सरगी का महत्व

करवा चौथ का व्रत शुरू होने से पूर्व सास अपनी बहू को सुहाग और खाने का सामान देती है। इसे सरगी कहा जाता है। यह सास को  सूर्योदय से पहले उठकर बहू को देना होता है। इस दौरान सरगी की थाली तैयार की जाती है जिसमें कुछ खास चीजों का होना आवश्यक होता है। जैसे सरगी की थाली में 16 ऋंगार की सामग्रियाँ, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिठाई जैसी चीजें रखी जाती हैं। सरगी के सामान से ही व्रत की शुरुआत होती है। यदि घर में सास ना हो तो जेठानी या फिर बहन भी सरगी दे सकती है।

सरगी में शामिल होना चाहिए ये चीजें

1. सुहाग का सामान: ये तो सभी जानते हैं कि महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इसलिए सरगी की थाली में कुमकुम, बिंदी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, लाल साड़ी, गजरा, महावर, सिंदूर, पायल, मांग टीका, बिछिया, काजल, कंघी जैसी शृंगार सामग्री जरूर होना चाहिए।

2. ताजे फल: सरगी की थाली में फलों का भी महत्व होता है। ये फल ताजे और मौसमी होना चाहिए ताकि महिला इसे खाकर तरोताजा महसूस करे। इसमें आप सेब, अनानास, मौसमी जैसे फल शामिल कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक करवा चौथ व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला रखा जाता है। इसलिए यदि आप फलों का सेवन करें तो आपके अंदर सारे दिन ऊर्जा बनी रहती है।

3. मिठाई: सरगी की थाली में मिठाई भी अवश्य रखना चाहिए। कहा जाता है कि इस मीठे को खाने से व्रत में कोई भी दिक्कत नहीं आती है। सबकुछ अच्छे से होता है।

4. मेवे और नारियल पानी: महिलाएं करवा चौथ पर दिनभर भूखी रहती हैं। ऐसे में आप उन्हें ड्राई फ्रूट्स और नारियल पानी जैसी चीजें देकर एनर्जी से भर सकते हैं। इससे उनकी सेहत भी अच्छी रहेगी।

सरगी का शुभ मुहूर्त

सरगी हमेशा करवा चौथ के व्रत के दिन सूर्योदय से पहले होती है। इसे सामान्यतः सुबह के 4-5 बजे किया जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन सबसे लाभकारी माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त 13 अक्टूबर को प्रातः काल 04 बजकर 46 मिनट से लेकर 05 बजकर 36 मिनट तक है। बस एक बात का ध्यान रखें कि सरगी के दौरान तेल-मसाले की चीजें का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको सरगी का फल नहीं मिलता है।

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