धर्मशास्त्र
सुख समृद्धि के लिए घर में जरूर लगाएं शमी का पौधा होता है शुभ
Paliwalwani
वास्तु शास्त्र को घर में फूल और पेड़ लगाने के लिए भी लागू किया जाता है। जब आप अपने घर में एक पेड़ या पौधा लगा रहे हैं तो आपको इसके बारे में वास्तु की पूरी जानकारी होनी भी जरूरी है। शमी का पौधा मुख्य रूप से शनि देव का पौधा माना जाता है और इसे घर में लगाने से शनि देव की कृपा तो प्राप्त होती ही है। ये पौधा भगवान् शिव को भी अत्यंत प्रिय है और कहा जाता है कि जिस घर में शमी का पौधा होता है वहां भगवान् शिव का वास होता है और शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है। मान्यता ये है कि इस पौधे को घर में सही दिशा में लगाने से सुख समृद्धि और धन धान्य आता है और इस पौधे में नियमित रूप से जल देने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
शमी के पौधे का वास्तु के हिसाब से महत्व
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार यदि आपकी कुंडली में शनि या शनि का प्रभाव है तो आपको अपने घर में शमी का पौधा जरूर लगाना चाहिए। वास्तविकता यह है कि वास्तु शास्त्र से शनि के मुद्दों को हल किया जा सकता है। शमी के पौधे के लिए उपयुक्त वास्तु स्थान घर की पश्चिम दिशा में होता है। लेकिन अगर आप वास्तु शास्त्र के बारे में नहीं जानते हैं और घर की किसी अन्य दिशा में शमी का पौधा लगा रहे हैं, तो शनि के परिणाम अधिक होंगे, और इससे जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए शमी का पौधा शनि दोष को दूर करने के जरूर लगाना चाहिए लेकिन इसकी सही दिशा के बारे में जानकारी लेकर ही इस पौधे को लगाना ठीक होता है।
शमी वृक्ष की कहानी
शमी का वृक्ष दुनिया के सबसे पवित्र वृक्षों में से एक माना जाता है और जिसकी प्राचीन काल से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप किसी शमी के पेड़ की पूजा कर रहे हैं, तो यह आपके सभी पापों को कुशलता से साफ और दूर कर देगा। एक पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध से पहले, पांडवों ने अपने हथियार शमी के पेड़ को सौंप दिए और जीत के लिए उस पेड़ से पूजा की। तभी से शमी के वृक्ष की पूजा किसी भी जगह विजय प्राप्त करने के लिए की जाने लगी। दरअसल, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र दोनों में ही शमी के पेड़ की अहम भूमिका है। इसलिए लोग घर के अंदर शमी के पौधे को लगाना शुभ मानते हैं। कहा जाता है कि शमी का पौधा जल्दी सूखता नहीं है इसलिए इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है। लेकिन यदि ये बेवजह सूखने लगे तो ये किसी अनहोनी का संकेत भी हो सकता है।
ज्योतिषीय राय
यदि शनि की साढ़ेसाती या ढइया चल रही हो तो शमी के पेड़ के आगे हर शनिवार सूर्यास्त के समय सरसों के तेल का दीया जलाना विशेष लाभकारी साबित होता है।