धर्मशास्त्र
Black Thread in Leg : कुंडली में कमजोर हैं राहु-केतु? पैर में काला धागा पहनने से मिलेंगे फायदे, जानें स्त्री, पुरुष किस पैर में बांधें
paliwalwaniBlack Thread in Leg : आजकल आपने बहुत से लोगों को पैर में काला धागा बांधे देखा होगा. कुछ लोग तो इसे फैशन के तौर पर पहनते हैं पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पैर में काला धागा कई समस्या के समाधान के लिए बांधते हैं. यदि आप भी अपने पैर में काला धागा बांधना चाहते हैं तो उससे पहले इस आर्टिकल को पूरा अच्छी तरह से पढ़ लें, क्योंकि पैर में काला धागा बांधने के नियम होते हैं जिन्हें फॉलो करना जरूरी है. अन्यथा इसके अशुभ परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं. महिला और पुरुष को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पांड्या.
● पैर में काला धागा पहनने के फायदे :
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पैर में काला धागा पहनने से कई फायदे होते हैं. जो व्यक्ति पैर में काला धागा पहनता है उसकी बुरी नजर से रक्षा होती है. मान्यता के अनुसार पैर में काला धागा पहनने से आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है.
● कम होता है शनि का प्रभाव : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो जातक पैर में काला धागा धारण करते हैं उन पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है.
● कमजोर राहु-केतु के लिए : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में राहु और केतु ग्रह कमजोर होते हैं, उन्हें अपने पैरों में काला धागा बांधने से लाभ मिलता है.
● किस पैर में महिला बांधें काला धागा : ज्योतिष शास्त्र के जानकार का कहना है फैशन में आकर महिलाओं को किसी भी पैर में काला धागा नहीं बांधना चाहिए. महिलाओं को हमेशा बाएं यानी लेफ्ट लेग में काला धागा बांधना चाहिए. कन्या या महिला को हमेशा शनिवार के दिन काला धागा धारण करना चाहिए.
● पुरुष किस पैर में बांधे काला धागा : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरुषों को हमेशा अपने दाहिने यानी कि राइट लेग में काला धागा बांधने की सलाह दी जाती है. पुरुष इस बात का ध्यान रखें कि वे मंगलवार के ही दिन काला धागा धारण करें. इससे शनि ग्रह को मजबूती मिलती है.
● Disclaimer : इस लेख में दी गई ज्योतिष जानकारियां और सूचनाएं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं. इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं. पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. पालीवाल वाणी इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें तथा चिकित्सा अथवा अन्य नीजि संबंधित जानकारी के लिए अपने नीजि डॉक्टरों से परार्मश जरूर लीजिए. पालीवाल वाणी तथा पालीवाल वाणी मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है.
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