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बुल्ली बाई ऐप : मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी पर भड़के गीतकार जावेद अख़्तर कहा - क्या यही सबका साथ है?, PM मोदी को सुनाई खरी-खोटी
Paliwalwaniबुल्ली बाई ऐप का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। इस ऐप पर मुस्लिम महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की जा रही है, साथ ही उनकी तस्वीरों का भी ‘सौदा’ किया जा रहा है। महिला पत्रकार इस्मत आरा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर जहां एक तरफ दिल्ली पुलिस इसकी जांच में लगी है तो वहीं मुंबई पुलिस भी लगातार पड़ताल कर रही है। मामले को लेकर हाल ही में मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीट किया है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर भी जमकर निशाना साधा।
जावेद अख्तर ने बुल्ली बाई ऐप पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, “यहां सैकड़ों महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी हो रही है। यहां सो कॉल्ड धर्म संसद है, जो कि जवानों को, पुलिसकर्मियों को और आम लोगों को करीब 200 भारतीयों का नरंसहार करने की सलाह देते हैं। मैं सबकी चुप्पी से हैरान हूं, खासकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी से चकित हूं। क्या यही है सबका साथ?”
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर किया गया का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, साथ ही यूजर भी इसपर जमकर कमेंट कर रहे हैं। उनके इस ट्वीट का जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा, “तो इस आदमी को पता है कि कब बोलना है। ये जरूर नींद में होंगे, जब कई मासूम अपनी जान गंवा रहे होंगे, वो भी इसलिए क्योंकि वे इनके कैडर के नहीं थे।”
यूजर की इस बात का जवाब देने से खुद जावेद अख्तर भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने जवाब देते हुए लिखा, “मैं सभी मुस्लिम व अन्य कट्टरपंथियों के खिलाफ रहा हूं, इसलिए ये बातें कहीं और जाकर बोलें। ये चीजें मेरे साथ काम नहीं आने वाली हैं। आप किसी मुस्लिम दक्षिणपंथी से नहीं बल्कि एक भारतीय से बात कर रहे हैं, इसलिए अपना मुंह बंद रखें।”
इससे इतर दूसरे यूजर ने जावेद अख्तर के ट्वीट पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा, “क्या आपने तब आवाज उठाई, जब 1990 में पांच लाख कश्मीरियों के साथ मॉब लिंचिंग हुई थी। नफरत का बीज बो दिया गया है। आपलोग एकतरफा हैं।” यूजर की बात के जवाब में जावेद अख्तर ने लिखा, “मैंने कश्मीरी पंडित के साथ हुई घटना पर आवाज उठाई थी और कई बार उनके प्लेटफॉर्म पर भी बात की। आपको नाराज करने के लिए माफी चाहता हूं।”
जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर अब फिल्म निर्माता ने भी ट्वीट कर पलटवार किया। उन्होंने लिखा, “बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में 60 हजार हिंदुओं के उत्पीड़न, बलात्कार, हत्याओं और सामूहिक पलायन पर आपकी चुप्पी से मैं भी काफी हैरान हूं। इसके बजाय आप नरसंहार की आरोपी के साथ बैठे थे और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। चयनात्मक सक्रियता वाकई खतरनाक है।”