राजसमन्द
राष्ट्रीय कवि माधव दरक ने सांसारिक दुनिया को कहा अलविदा : अमर कर गए....‘मायड़ थारो वो पूत कठै...’
Nanalal Joshi-Narendra Paliwalउदयपुर । ‘मायड़ थारो वो पूत कठै...’ और ‘एड़ो म्हारो राजस्थान...’ जैसी सैकड़ों कविताओं के सृजनकर्ता राष्ट्रीय कवि माधव दरक शनिवार को सांसारिक दुनिया को अलविदा कर गए। राजस्थानी भाषा के सर्वोच्च कवि माने जाने वाले माधव दरक का देहांत 90 वर्ष की आयु में उनके पैतृक गांव केलवा जिला राजसमंद, राजस्थान में हुआ। राजस्थान सहित कई प्रदेश के साहित्यकार और कवियों ने माधव दरक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजस्थानी साहित्य की अपूरणीय क्षति बताया है। साहित्यकार डॉ. देव कोठारी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य तुलसी पर लिखी ‘आप पधारे जहां तुलसी’ कविता सुनाकर उन्होंने पूरे देश में धर्मक्रान्ति का शंखनाद किया। साहित्यकार किशन दाधीच का कहना था कि उनके कण्ठ में मेवाड़ी की मिठास का यह प्रभाव रहा कि पूरे देश में सर्वाधिक लोकप्रिय जन-जन के चहेते रसदार कवि बने रहे, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य अरविन्द सिंह मेवाडत्र ने भी राजस्थानी कवि के देहावसान को लेकर शोक जताया है। राजस्थानी कवि के देहावसान को लेकर उदयपुर में साहित्यकारों तथा कवियों ने शोक संवेदना जारी किए हैं। पालीवाल वाणी के संपादक सुनील पालीवाल, अनिल बागोरा, पालीवाल समाज नाथद्वारा अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कवि गिरीश विद्रोही (पालीवाल), महाराजा सीएमडी राकेश पालीवाल, देवकिशन पालीवाल, पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष शरद बागोरा सहित कई साथियों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। शोकाकुल परिजनों को इस दु:ख को सहन करने का संबल प्रदान करें।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Nanalal Joshi-Narendra Paliwal...✍️
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