राजसमन्द
करधर धाम में धार्मिक अनुष्ठानों का दौर जारी-भक्तों की आवाजाही
suresh bhatराजसमंद। तपोस्थली बड़ाभाणुजा गांव स्थित श्री करधर धाम में चल रहे नवनिर्मित शिखर मंदिर ध्वजा, कलश स्थापना एवं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत रविवार को दिनभर धार्मिक अनुष्ठानों का दौर जारी रहा। वहीं भामाशाह सम्मान सहित कई धार्मिक गतिविधियां भी सतत् होती रही। पांच दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन ग्रामीण क्षेत्र सहित विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में यहां पहुंचे ओर श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया। निरंतर धर्मप्रेमियों की आवाजाही जारी रहने से यहां मेले जैसा माहौल बना हुआ है। वहीं यहां आने वाले सभी रास्ते खूब आबाद रहे। महोत्सव में सुबह सात बजे से ही अनुष्ठान व अन्य कार्यक्रम निर्धारित होने के कारण रविवार अलसुबह से करधर धाम में भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था। इसके बाद बड़ा भाणुजा सहित आसपास के छोटे-बड़े कई गांवों-भागलों से भी धर्मप्रेमियों का आना शुरू हो गया था जबकि इस दौरान विभिन्न प्रांतों में प्रवासरत स्थानीय क्षेत्रवासियों की आवक भी शुरू हो गई थी। इन सबके चलते महोत्सव स्थल पर श्रद्धालुओं का खासा मजमा लग गया और लोगों की आवाजाही का यह क्रम देर शाम तक जारी रहा वहीं प्रवासी भक्तजनों के चार पहिया वाहनों का आना-जाना पूरे दिन बना रहा। दिनभर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी के चलते करधर दरबार में खासी रौनक बनी रही।
नृत्य का लिया आनंद-युवक-युवतियों रही आकर्षण का केन्द्र
इस दौरान सुबह दस बजे करधर भैरूनाथ की विशेष पूजा-अर्चना एवं आरती हुई और यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने इसमें शिरकत कर धर्मलाभ लिया। इसी तरह मंदिर प्रांगण में विशेष ढोल व बैण्ड वादन चलता रहा और युवक-युवतियों ने भावमय होकर नृत्य का भरपूर आनंद लिया। प्रांगण में बनी भोजनशाला में दोनों समय गौतम प्रसादी हुई, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद प्राप्त किया। जबकि सुबह अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। इसी क्रम में भीड़ के चलते परिसर के पास सजी दुकानों-स्टालों पर भी अच्छी ग्राहकी हुई। इधर, मंदिर प्रांगण में विप्रजनों के सान्निध्य में धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे। प्रारम्भ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित देवताओं का पूजन किया गया। वहीं हवन कुण्ड में अग्नि स्थापना हुई और इसके साथ ही हवन आरंभ किया गया। इसी कड़ी में धान्याधिवास आरती की रस्म सम्पादित की गई। इन रस्मों और अनुष्ठानों में आयोजन समिति पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं सेवाभावी भक्तजन शामिल हुए।
भामाशाहों-लाभार्थियों का हुआ शानदार सम्मान
दूसरी ओर मंदिर प्रांगण में सम्मान समारोह आयोजित हुआ जिसमें महोत्सव संबंधी विभिन्न व्यवस्थाओं एवं कार्यो में सेवा व आर्थिक सहयोग देने वाले 51 भामाशाहों एवं सेवालाभ लेने वाले भक्तों का सम्मान किया गया। इसके तहत सर्वश्री प्रतिष्ठा महोत्सव समिति अध्यक्ष रामचंद्र पुरोहित, मंत्री धर्मनारायण पुरोहित, कोषाध्यक्ष पन्नालाल पुरोहित, शंकरलाल पुरोहित आदि ने उपरणा, मेवाड़ी पगड़ी, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर इन भामाशाहों व लाभार्थियों का सम्मान किया। इस मौके पर आयोजन में सहयोग देने वाले लोगों का आभार व्यक्त करते हुए समिति अध्यक्ष श्री रामचंद्र पुरोहित ने कहा कि ऐसे पुनीत कार्यो में हाथ बढ़ाने से बड़ा पुण्य मिलता है तथा धर्म व अध्यात्म के ऐसे काम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। इस दौरान सर्वश्री देवीसिंह दसाणा ओलादर, नाथुसिंह, रोशनलाल बोहरा व भंवरलाल बोहरा मोलेला, शंकरलाल सांखला, मेवाड़ नवयुवक मंडल मुंबई के उपप्रमुख मुकेश सांखला मचीन्द, जगन्नाथ डागलिया, तुलसीसिंह खरवड़ (कणुजा), ज्योत्सना सांखला, पुजारी परिवार के कालूलाल रावत, किशन रावत सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व श्रद्धालु मौजूद थे। संचालन कार्यक्रम संयोजक श्री मांगीलाल मादरेचा (सेमा) ने किया।
भामाशाह ने भेंट की एम्बुलेंस
घटना-दुर्घटना व अन्य आपात स्थितियों में उपयोग के लिए क्षेत्र के करई गांव निवासी भामाशाह श्री रमाकांत श्रीमाली की ओर से करधर दरबार में एम्बुलेंस भेंट की गई है। मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में भामाशाह श्री रमाकांत श्रीमाली ने परिजनों सहित पूजन कर एम्बुलेंस के लोकार्पण की रस्म पूर्ण की। इस दौरान आयोजन समिति द्वारा माल्यार्पण कर उनका सम्मान किया गया जबकि उपस्थित भक्तों ने जैकारों व करतल ध्वनि के साथ अभिनंदन किया।
आज ये होंगे कार्यक्रम
अनुष्ठानों के तहत सोमवार को आवाहित देवताओं का हवन एवं भैरव सहस्त्र नामावली हवन होगा वहीं जलाधिवास व धूपाधिवास के बाद संध्या आरती होगी वहीं करधर भैरूनाथ की विशेष सेवा-पूजा होगी जबकि रात्रि आठ बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इसमें बाबूलाल प्रजापति सहित आर्केस्ट्रा दल प्रस्तुतियां देगा वहीं राष्ट्रीय कवि सुखदेव सिंह आहुआ पाली काव्य प्रस्तुती देंगे। मंगलवार को सुबह छह बजे करधर अमृत कलश शोभायात्रा निकलेगी तथा नौ बजे से ध्वजा व कलश की बोलियों की रस्म होगी वहीं रात आठ बजे बाबूलाल प्रजापति एवं आर्केस्ट्रा दल सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देगा वहीं मेक इन इण्डिया फेम कलाकार कोमल कोठारी सेमा भी प्रस्तुती देगी। आखरी दिन दो मई को सुबह मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा एवं मंदिर शिखर पर ध्वजा, कलश स्थापना की जाएगी। नवनिर्मित मुख्य द्वार का उद्घाटन भी होगा।
व्यवस्थाओं में मुस्तैद है कार्यकर्ता
महोत्सव से जुड़ी विभिन्न व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए समिति अध्यक्ष श्री रामचन्द्र पुरोहित व मंत्री श्री धर्मनारायण पुरोहित के सान्निध्य में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मुस्तैद है। सर्वश्री कैलाशचन्द्र पुरोहित, तुलसीराम दवे, इन्दरलाल दवे, भूरीलाल दवे, नरोत्तम सुरावत, ईश्वरलाल गदावत, मोडीलाल गांगावत, पन्नालाल गांगावत, मदनलाल गांगावत, भानू गांगावत, फतहलाल सुथार, रामकिशन गोपावत, जगदीश गांगावत, दशरथ पुरोहित, लक्ष्मण हीरावत, प्रेमशंकर हीरावत, प्रकाश गांगावत, रोशनलाल सोनी, हुक्मीचंद, जगदीशचन्द्र, रामलाल कुम्हार, तुलसीराम नरावत, रमेश सुरावत, कांतिलाल गांगावत, सूर्यप्रकाश पुरोहित, पन्नालाल सहित ग्रामवासी तत्परता के साथ विभिन्न सेवा कार्यो में दायित्व सम्भाल रहे है।
# राजसमंद। महोत्सव में सहयोग देने वाले भामाशाहों एवं लाभार्थियों का सम्मान करते आयोजनकर्ता व भेंट की गई एम्बुलेंस का लोकार्पण करते हुए। फोटो-सुरेश भाट
पालीवाल वाणी ब्यूरो-सुरेश भाट ✍️
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