राजसमन्द

अंतिम सावन का सखिया सोमवार पर हुए विविध आयोजन

Ayush Paliwal/Suresh Bhat
अंतिम सावन का सखिया सोमवार पर हुए विविध आयोजन
अंतिम सावन का सखिया सोमवार पर हुए विविध आयोजन

राजसमंद। श्रावण मास के चोथे एवं अंतिम सोमवार को मुख्यालय स्थित गुप्तेश्वर महादेव, ओम कालेश्वर महादेव, चौमुख माहदेव, फरारा महादेव सहित सभी शिवालयों पर विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान कर शिवालय पर विशेष श्रंगार कर भगवान भोले को आंक-धतुरे एवं भंग का भेग लगाया गया। इसी के तहत अंतिम सखिया सोमवार पर राजनगर स्थित रामेश्वर महादेव विकास समिति द्वारा भगवान भोलेनाथ के रंग-बिरंगी फुलों से विशेष श्रृगार धराया गया। आराध्य प्रभु श्रीनाथ जी फल-फुलों के हिडोंलने में बिराजित कर झुलाया गया। साथ ही पुरानी कलेक्ट्रेट स्थीत श्री विश्वेभंर महादेव मंदिर  पर भव्य नाव मनोरथ की झांकि का आयोजन किया गया। विकास समिति द्वारा अंतिम सखिया सोमवार के अवसर पर बालकों एवं महिलाओं के लिए झूलों की विशेष व्यवस्था की गई हैं। मंदिर सजाई गई नाव मनोरथ के दर्शन दोपहर बाद से ही शुरू हो गई जो देर रात तक चलते रहै। मंदिर परिसर में भक्ता द्वारा भोले के जयकारो से पुरा वातावरण गुंज अुठा जिससे पुरा माहोल भक्तीमय बना गया। मंदिर में हजारो श्रृद्धालुओं ने दर्शन कर एवं प्रसाद का लाभ उठाया।

नाग देवता के दर्शन को उमड़ श्रद्धालु

जिला मुख्यालय स्थित पचास फिट रोड़ कमल तलाई में मंशापुर्ण महादेव मंदिर में दोपहर दो बजे मंदिर के पास एक डेढ़ फिट लम्बा सांप दिखाई दिया। सांप को देखकर उपस्थित लोग सहमा गए देखते-देखते वह सांप पास ही के शिव मंदिर मंशापुर्ण महादेव के अंदर चला गया एवं शिवलिंग पर लिपट कर फन करके बैठ गया। इस बात की जानकारी शहर में आग की तरह फैल गई दर्शन के लिए मंदिर में लाईने लगना शुरू हो गई। लोगो का कहना है कि यह भगवान भालेनाथ का स्वरूप सांप है क्योंकि सांप के फन में त्रिशुलनुमा आकृती बनी हुई थी।

फोटो- भगवान भोले की श्रंगारित प्रतिमा।

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