राजस्थान

वन चेतना पर आधारित आदिवासी लोक गीतों की पुस्तिका "रुँख बावजी" का विमोचन

चंद्रशेखर मेहता
वन चेतना पर आधारित आदिवासी लोक गीतों की पुस्तिका "रुँख बावजी" का विमोचन
वन चेतना पर आधारित आदिवासी लोक गीतों की पुस्तिका "रुँख बावजी" का विमोचन

चंद्रशेखर मेहता...✍️ 

प्रतापगढ़. आज सर्किट हाउस प्रतापगढ़ में राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री राजस्व विभाग- हेमंत मीणा, जल संसाधन मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, जिला कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया, एसपी विनीत बंसल, जिलाध्यक्ष भाजपा. महावीर सिंह कृष्णावत, सभापति  रामकन्या गुजर, कन्हैयालाल मीना आदि जन प्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने वन चेतना पर आधारित आदिवासी लोक गीतों की पुस्तिका "रुँख बावजी" का विमोचन किया. इसके संपादक साहित्यकार और समाजसेवी चंद्रशेखर मेहता है.

वन मंडल प्रतापगढ़  के उप वन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने जन जागरण गतिविधियों के महत्व से इस पुस्तिका के प्रकाशन में  मार्गदर्शन किया. जिसे वन विभाग द्वारा वन सुरक्षा समितियों के सदस्यों को भी भेजा जाएगा और वनों की सुरक्षा के लिए उपयोगी होगी. मेहता ने इससे पहले भी कई पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है. 

हाल ही में जिला प्रशासन के लिए भी  प्रतापगढ़ जिले के पर्यटन विकास के लिए भी इनके मार्गदर्शन में दो पुस्तकें लिखी गई थी. जिसका विमोचन भी केबिनेट मंत्री हेमन्त मीना द्वारा किया गया था. चंद्रशेखर मेहता ने बताया "रूँख बावजी" पुस्तक में लोक गीत और कविताएं, स्लोगन इत्यादि कांठल की लोक भाषा आदिवासी भाषा में लिखी गई है. 

इस कृति की प्रशंसा मंत्री हेमन्त मीना, कन्हैयालाल चौधरी एवं जिला कलेक्टर ने भी की. जिसके माध्यम से स्थानीय स्तर पर वन वासियों, जनजातियों को वृक्षों वनों एवं वन्यजीवों के महत्व को समझाया जाकर उन्हें वन संरक्षण की प्रेरणा आसानी से दी जा सकती है. इन लोक गीतों को लोक समूहों द्वारा गांव गांव में वन चेतना यात्रा निकाली जाकर लोगों को वनों के महत्व समझाने हेतु जनजागरण योजना भी बनाई जाएगी.

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