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विज्ञापन देख महिला को मुंहासे का इलाज करना पड़ा भारी, जाने पूरी कहानी

Paliwalwani
विज्ञापन देख महिला को मुंहासे का इलाज करना पड़ा भारी, जाने पूरी कहानी
विज्ञापन देख महिला को मुंहासे का इलाज करना पड़ा भारी, जाने पूरी कहानी

बेंगलुरु. बेंगलुरु की महिला ने क्लीनिक पर अपने मुंहासों और झड़ते बालों के इलाज के लिए संपर्क किया था। महिला ने क्लीनिक पर अवैध तरीके से पैसा कमाने का आरोप लगाते हुए शहर की एक उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया। हाल ही में एक फैसले में अदालत ने आदेश दिया कि महिला को उपचार लागत के पूरे रिफंड सहित 30,000 रुपये का मुआवजा भी दिया जाए।

विज्ञापन से आकर्षित होकर पहुंची मुहांसों का इलाज कराने

प्रभा के वीकेयर हेल्थ क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड के विज्ञापन से आकर्षित होकर महिला व्हाइटफील्ड मेन रोड पर क्लिनिक की शाखा पहुंची। महिला ने यहां अपने चेहरे पर कुछ मुहांसों के इलाज के लिए संपर्क किया। जहां मौके पर मौजूद शख्स ने चिकित्सक होने का दावा किया। शख्स ने महिला से वादा किया कि एक विशेष स्टेम सेल थेरेपी को 10 बार लेने पर उसके चेहरे से पिंपल्स साफ हो जाएंगे।

थेरेपी के बाद चेहरे पर कई गुना बढ़ गए मुंहासे

जिस पद्धति से क्लीनिक ने महिला को इलाज का दावा किया वह भारत सरकार के जारी विशिष्ट दिशा-निर्देशों के जरिए कवर की गई है। नैदानिक परीक्षण के अलावा बाहर किसी और मकसद के लिए इसका कोई भी उपयोग अनैतिक माना जाता है और इसकी अनुमति नहीं है। प्रभा के लोगों ने महिला को इलाज शुरू करने के लिए 54,686 रुपये की शुरुआती राशि देने के लिए राजी किया। जिसके बाद महिला ने 1,03,633 रुपये का भुगतान किया। लेकिन छह बार थेरेपी को पूरा करने के बाद महिला के चेहरे पर मुंहासे कई गुना बढ़ गए और संक्रमण से निशान भी बन गए। जिसके बाद महिला के चेहरे में दर्द हुआ और उसने सिर दर्द और बालों के झड़ने की शिकायत की।

महिला ने स्वास्थ्य क्लिनिक में तथाकथित चिकित्सकों से संपर्क किया जिन्होंने उसकी मदद करने से इनकार कर दिया। महिला ने खुद को ठगा महसूस करते हुए पाया कि उसका इलाज अनैतिक चिकित्सा पद्धतियों से किया गया। महिला ने प्रभा के वीकेयर हेल्थ क्लिनिक के सीईओ के खिलाफ शिकायत की। अगस्त 2022 को शांतिनगर में बैंगलोर प्रथम अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से संपर्क किया।

क्लिनिक को लगाई फटकार

अदालत ने छह महीने से अधिक समय तक पीड़िता के पक्ष को सुना और अवैध चिकित्सा पद्धतियों के लिए क्लिनिक को फटकार लगाई। अदालत ने बताया कि क्लिनिक के प्रतिनिधियों ने इलाज के लिए उससे वसूले गए पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि जिस पद्धति से महिला का इलाज किया गया वो कतई सही नहीं थी। न्यायाधीशों ने कहा, 'नैदानिक परीक्षण के अलावा और किसी मकसद के लिए स्टेम सेल का उपयोग अनैतिक है, जिसकी अनुमति नहीं है।

अपने फैसले में अदालत ने कहा कि, 'व्हाइटफील्ड मेन रोड पर प्रभा के वीकेयर हेल्थ क्लिनिक के सीईओ पीड़ित को 1,28,329 रुपये के उपचार लागत को वापस करने के लिए उत्तरदायी हैं। इसमें टैक्स की राशि शामिल नहीं है लेकिन ब्याज सहित यह रकम देनी होगी। न्यायाधीशों ने क्लिनिक को यह भी आदेश दिया कि वह महिला को 25,000 रुपये मुआवजे के रूप में और उसके अदालती खर्च के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करे। अदालत ने क्लिनिक को अनैतिक चिकित्सा प्रक्रिया से दूर रहने का निर्देश भी दिया।

 

 

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