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गुरुदेव परमानंद गिरि महाराज एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और समाजसेवी
रविन्द्र आर्यरिपोर्ट: रविन्द्र आर्य
वे सनातन धर्म और वेदांत की बातों और शास्त्रों के विश्वविख्यात विद्वान के रूप में विश्व के प्रसिद्ध संतों में गिने जाते हैं। स्वामी परमानंद गिरि महाराज ने वेदांत की बातों को सरल और साधारण भाषा में परिवर्तित कर जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया था। आज हम उस संकल्प को अपनी आंखों से पूरा होते हुए देख सकते हैं।
अगर महाराज श्री के जीवन की बात करें तो महाराज श्री बचपन से ही आध्यात्मिक दुनिया की ओर अग्रसर रहे हैं। परमानंद महाराज का जन्म 30 के दशक के अंत में 26 अक्टूबर 1935 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुआ था।
महामंडलेश्वर युगपुरुष गुरुदेव परमानंद गिरि महाराज एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और समाजसेवी हैं, जिनका जीवन अनेक उपलब्धियों और सम्मानों से भरा हुआ है। उनके जीवन की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ और सम्मान इस प्रकार हैं:
आध्यात्मिक मार्गदर्शन और शिक्षा : गुरुदेव परमानंद गिरि महाराज ने अपना अधिकांश जीवन आध्यात्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार में बिताया। उन्होंने वेद, उपनिषद और गीता जैसे शास्त्रों की गहन व्याख्या की और उन्हें आम जनता के लिए सुलभ बनाया। उनकी शिक्षाओं ने असंख्य लोगों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
धार्मिक संस्थाओं की स्थापना : गुरुदेव ने आध्यात्मिक जागरूकता और समाज सेवा बढ़ाने के उद्देश्य से कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं की स्थापना की। उनके द्वारा स्थापित आश्रम आज भी शांति, ध्यान और सेवा के केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं।
समाज सेवा : गुरुदेव परमानंद महाराज का जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने गरीबों, अनाथों और निराश्रितों की मदद के लिए कई कार्यक्रम चलाए। उनकी प्रेरणा से कई अनाथालय, शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल स्थापित किए गए, जो आज भी समाज के वंचित वर्गों की सेवा कर रहे हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मान : उन्हें उनके आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान के लिए कई धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया था। आध्यात्मिक नेतृत्व के लिए उन्हें कई पुरस्कार और उपाधियाँ प्रदान की गईं। उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें कई सार्वजनिक मंचों पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
शांति और अहिंसा का प्रचार : गुरुदेव ने जीवन भर शांति, अहिंसा और प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने हमेशा समाज में सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रयास किया। उनकी शिक्षाओं का न केवल उनके अनुयायियों पर बल्कि व्यापक समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
लेखन और साहित्यिक योगदान : उन्होंने कई धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकें लिखीं, जिन्हें आज भी अध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है। उनकी साहित्यिक रचनाओं ने अध्यात्म को एक नई दिशा दी और लोगों को सत्य की ओर प्रेरित किया।
गुरुदेव परमानंद गिरि महाराज की जीवन यात्रा प्रेरणा, सेवा और समर्पण का प्रतीक है। उनके योगदान और शिक्षाओं का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।
- लेखक : रविंद्र आर्य M. 9953510133