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चीन ने खोजे 24 नए कोरोना वायरस जिसमे 4 कोवीड-19 जैसे खतरनाक
Paliwalwaniनई दिल्ली । अभी दुनिया कोरोना वायरस से छुटकारा पाने की सोच रही है, वहीं चीन के वैज्ञानिकों ने 24 नए कोरोना वायरस खोज लिए हैं। इनमें से 4 कोरोना वायरस Covid-19 जैसे हैं। यानी खतरा चार गुना ज्यादा हो गया है। चीन के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगा रहे थे, चमगादड़ों की जांच कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें इन 24 नए कोरोना वायरसों का पता लगा है। इनमें से एक वायरस इस समय कहर बरपा रहे SARS-CoV-2 वायरस से जेनेटिकली बहुत ज्यादा मिलता है। यानी दुनिया को और सतर्क रहने की जरूरत है।
चीन के वैज्ञानिकों ने इन 24 कोरोना वायरसों को दक्षिण-पश्चिम चीन में मिलने वाले चमगादड़ों में खोजा है। साथ ही यह भी बताने की कोशिश की है कि इन 24 वायरसों में से कितने इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। यह रिपोर्ट Cell जर्नल में प्रकाशित हुई है। शैनडोंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि हमने चमगादड़ों की अलग-अलग प्रजातियों में 24 नए कोरोना वायरस की खोज की है। इनमें से चार कोरोना वायरस ऐसे हैं जो वर्तमान में महामारी का सबब बने हुए कोविड-19 वायरस से मिलते-जुलते हैं।
एक चीनी शोधकर्ता के मुताबिक इनमें से एक वायरस SARS-CoV-2 से जेनेटिकली बहुत ज्यादा मिलता है। दुनिया फिलहाल SARS-CoV-2 कोरोनावायरस से ही परेशान है। वैज्ञानिक ने बताया कि जो नया कोरोना वायरस मिला है, उसके स्पाइक प्रोटीन में वर्तमान महामारी वाले वायरस से थोड़ा अंतर है लेकिन वह जेनेटिकली सबसे नजदीक है। स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस की वह बाहरी कंटीली परत होती है, जो इंसान की कोशिकाओं से वायरस को चिपकने में मदद करती है।
चीन में इन 24 नए कोरोना वायरसों की खोज ऐसे समय हुई है जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर पारदर्शी और पुख्ता सबूतों के साथ जांच की मांग की जा रही है। ताकि दुनियाभर के वैज्ञानिक इसके लिए नई और बेहतर वैक्सीन बना सकें। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के दूसरे फेज में मदद मिल सके। हाल ही में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की असली उत्पत्ति और महामारी के उपज की पता करने की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। दुनियाभर से अलग-अलग देश WHO और चीन पर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना वायरस महामारी को फैले हुए अब तक डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अब तक इसकी उत्पत्ति और संक्रामकता की सही वजह पता नहीं चल पाई है। दुनिया भर के देश और वैज्ञानिक ये मांग कर रहे हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की जांच की जाए। ताकि यह पता चल सके कि क्या कोरोना वायरस वहां से लीक हुआ या प्राकृतिक तरीके से इंसानों में आया। इससे चीन की उन तैयारियों और गलतियों का पता चलेगा जो अलग-अलग तरह के वायरसों के प्रयोग से संबंधित है।