नाथद्वारा

श्रीजी की नगरी में बन्द नही हुआ यात्री-वाहनकर तो बंजरग दल के साथ जनता उतरेगी सड़को पर

Tarun Soni
श्रीजी की नगरी में बन्द नही हुआ यात्री-वाहनकर तो बंजरग दल के साथ जनता उतरेगी सड़को पर
श्रीजी की नगरी में बन्द नही हुआ यात्री-वाहनकर तो बंजरग दल के साथ जनता उतरेगी सड़को पर

नाथद्वारा। वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथद्वारा में जहां पर देषभर से वैष्णवों का आवागमन बना रहता है। जिस पर श्रीनाथद्वारा की अर्थ व्यवस्था चलती है, जिसके चलते नगर में लोगो की आमदनी का एकमात्र आय का साधन बाहर से आने वाले वैष्णवों पर ही निर्भर है।
लेकिन नगर में आने वाले इन वैष्णवों से स्थानीय नगरपालिका द्वारा वाहन कर - यात्रीकर वसूला जा रहा है। जो नगर हित में नही है। नगर में आने वाले वैष्णवों के लिये यात्रीकर व वाहन ठेकेदारों द्वारा नगर के नाथूवास, बसस्टेड पर वाहन रूकवाकर कर वसूलते है एवं कई बार वाहनकर लेने वाले लोगो से वाक्युद्ध भी हो जाते है, जिसके चलते ट्राफिक व्यवस्था भी डगमगाती रहती है। इसकी जानकारी स्थानीय जागरूक नागरिकों द्वारा सम्बन्धित विभाग, अधिकारीयों को लिखित व मौखिक जानकारी देने के उपरान्त भी कोई ठोस कार्यवाही होने पर स्थानीय जागरूक युवाओं को बंजरग दल के पधाधिकारियों द्वारा नगर में आने वाले यात्रियों से नगरपालिका द्वारा वसूलने वाले यात्रीकर व वाहनकर पर रोक लगाने हेतु एक माह से मुहिम चलाई गयी, जिसमें हजारों लोगों से हस्ताक्षर अभियान चलाकर हस्ताक्षर करवाये गये।
साथ ही बंजरग दल के पधाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय विधायक, सांसद व नगरपालिका पार्षदों को भी यात्रीकर व वाहनकर पर रोक लगाने हेतु वार्ता की गई जिसमें सभी लोगों ने इस धर्म नगरी में आने वाले वैष्णवों से यात्रीकर व वाहनकर वसूलना को अनुचित ठहराया है।
साथ ही बंजरग दल के पधाधिकारियों सहित नगर के जागरूक, प्रबुद्ध, बुद्धिजीवियों सहित सथानीय राष्ट्रिय पार्टीयों के पधाधिकारियों से जानकारी चाहने पर बताया गया कि नाथद्वारा नगरपालिका का खर्चा कुछ हद तक मन्दिर मंडल द्वारा उठाया जाता है, जबकि नगरपालिका के पास आय के अनेक स्त्रोत होने के बावजूद भी आने वाले वैष्ण्वों से यात्रीकर-वाहनकर वसूला जाता है।
यात्रीकर-वाहनकर लेने के बाद भी यात्रियों को नगरपालिका द्वारा आवष्यक मूलभूत सुविधा उपलब्ध नही करावा पारही है। बसस्टेड से कुम्हारवाडा, रसाला चैक, कन्या पाठषाला, चैपाटी तक बीच में नाम मात्र का एक मूत्रालय है साथ ही पीने के पानी तक की व्यवस्था उपलब्ध नही है, साथ ही पुरे नगर में, बस स्टेण्ड पर यात्रियों को धूप-बारिष से बचने के लिये कोई व्यवस्था नही है। जिसके चलते आम वैष्णवों को मारा-मारा फिरना पड़ रहा है।
साथ ही नगर पालिका द्वारा वाहन कर धडल्ले से वसूला जा रहा है। परन्तु नगर में कहीं पर भी वाहन पार्किंग की व्यवस्था तक उपलब्ध नही है। मन्दिर मण्डल द्वारा नगर के मध्य रसाला चैक में पार्किंग व्यवस्था चला रखी है। जहाॅ पर पार्किग षुल्क अलग से देना पड़ता है।
अगर नगरपालिका पार्किंग षुल्क वसूलती षुल्क वसूलती है पार्किग की व्यवस्था उपलब्ध करवाना आवष्यक है। लेकिन नगरपालिका द्वारा सुविधा व्यवस्था के नाम पर तो ‘‘फयाकड़ी का नाम गुलसफा’’ और पैसे वसूलने पर आमाद है।
इस पर बंजरग दल के पधाधिकारियों ने आक्रोष के साथ बताया कि यात्रीकर-वाहनकर को नगरपालिका द्वारा रोक नही लगाई तो मजबुर होकर जनहित को देखते हुये नगर की जनता के साथ यात्रीकर-वाहनकर के विरोध में आन्दोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होना पडे़गा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी नगरपालिका व राज्य सरकार की होगी।

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