मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में कोयले पर सबसे बड़ी कार्रवाई : 10 से अधिक खदानें सील, तीन माफिया गिरफ्तार
paliwalwani
शहडोल. मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में पुलिस ने कोयले के अवैध खनन पर बड़ी और निर्णायक कार्रवाई करते हुए 10 से अधिक अवैध खदानों को सील कर दिया। अमलाई थाना क्षेत्र के बटुरा गांव में ये खदानें बिना किसी अनुमति और सुरक्षा उपायों के चलाई जा रही थीं। पुलिस ने जेसीबी मशीनों की मदद से इन सुरंगों को मिट्टी से भरवाकर पूरी तरह बंद कर दिया।
कार्रवाई के दौरान लगभग 30 टन अवैध रूप से निकाला गया कोयला भी जब्त किया गया। इसके साथ ही अवैध खनन में संलिप्त तीन आरोपियों- कमलेश केवट, पूरन महरा और प्रेमलाल केवट को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ खनन कानून के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हालांकि, गांव के कई लोगों ने इस कार्रवाई को लेकर अपनी असंतुष्टि जताई है। उनका कहना है कि क्षेत्र में अभी भी दर्जनों अवैध खदानें सक्रिय हैं और रोजाना सैकड़ों टन कोयले का अवैध खनन जारी है। लोगों का आरोप है कि यह कार्रवाई केवल दिखावे के लिए की गई है और असली मास्टरमाइंड अभी भी खुलेआम अपना धंधा चला रहे हैं।
थाना प्रभारी जेपी शर्मा ने इस पर स्पष्ट बयान देते हुए कहा कि अवैध खनन के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अन्य अवैध खदानों की भी पहचान की जा रही है और बहुत जल्द उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अवैध खनन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आम लोगों की जान और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा है।
बिना सुरक्षा उपायों के चल रही इन खदानों से पर्यावरणीय संकट और मानवीय दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। हालिया कार्रवाई न केवल खनन पर लगाम लगाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह लोगों की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति प्रशासन की गंभीरता को भी दर्शाता है।
इस कार्रवाई के बाद राज्य भर में यह उम्मीद जगी है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन आने वाले समय में ऐसे अवैध कारोबारों पर और भी कठोर रुख अपनाएंगे। लोगों को भरोसा है कि यदि ऐसे माफियाओं पर समय रहते लगाम लगाई गई तो क्षेत्र में न केवल कानून का राज मजबूत होगा, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की लूट भी रोकी जा सकेगी।