मध्य प्रदेश

सरकार की बड़ी सौगात : जल्द मिलेगा सातवें वेतनमान का लाभ !, ये होंगे पात्र, अनुकंपा नियुक्ति पर बड़ा अपडेट

Paliwalwani
सरकार की बड़ी सौगात : जल्द मिलेगा सातवें वेतनमान का लाभ !, ये होंगे पात्र, अनुकंपा नियुक्ति पर बड़ा अपडेट
सरकार की बड़ी सौगात : जल्द मिलेगा सातवें वेतनमान का लाभ !, ये होंगे पात्र, अनुकंपा नियुक्ति पर बड़ा अपडेट

मध्य प्रदेश के पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों (Panchayat Secretaries and Village Employment Assistants) के लिए खुशखबरी है। सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों को जल्द सातवां वेतनमान का लाभ मिलने वाला है। आज 3 मार्च को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की बैठक बुलाई गई है, जिसमें पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायकों के सातवें वेतनमान को लेकर चर्चा होगी। उम्मीद है कि इस बैठक में सातवां वेतनमान को लेकर फैसला हो जाएगा और वेतन बढ़ कर 25000 से 35000 रुपए तक हो सकता हैं।

एमपी विधानसभा में उठा था मुद्दा

दरअसल, हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान खरगोन के भीकनगांव से विधायक झूमा सोलंकी ने पंचायत सचिव को सातवां वेतनमान देने, पंचायत विभाग में संविलियन और नियमितिकरण को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा था कि 1995 से काम कर रहे पंचायत सचिवों को अब तक सरकार नियमित नहीं कर सकी है। और सातवां वेतनमान सचिवों व रोजगार सहायकों को नहीं दिया जा रहा है। 18 साल में सरकार इस पर कोई फैसला क्यों नहीं कर पाई इसकी वजह बताएं। इस पर पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने जवाब दिया कि सचिव और रोजगार सहायकों को सातवां वेतनमान देने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी की बैठक 3 मार्च को होगी। इसके बाद तीन महीने में कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई कर दी जाएगी।इसके बाद उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से भी यह जानकारी दी थी।

मंत्री ने ट्वीट कर दी थी जानकारी

सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने जानकारी देते हुए लिखा, 3 मार्च को होगी विभाग की बैठक ,पंचायत सचिवों और ग्राम रोज़गार सहायकों को जल्द मिलेगा 7 वां वेतनमान…।

एमपी में कुल 23000 ग्राम पंचायत

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कुल 23000 ग्राम पंचायत हैं। इन में कार्यरत ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक, मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी कहे जाते हैं परंतु अब तक इन्हें सातवां वेतनमान नहीं दिया गया था। राजनीतिक दृष्टि से कहा जाता है कि पंचायत सचिव को नाराज करके कोई भी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आ सकती, ऐसे में आगामी चुनावों से पहले राज्य की शिवराज सरकार इन्हें खुश करने की तैयारी में है।

लंबे समय से उठ रही है वेतनमान की मांग

मध्य प्रदेश में पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायक लंबे समय से सातवें वेतन को लेकर मांग कर रहे थे और इस को लेकर कई तरह के धरने प्रदर्शन भी हुए। वही कहा जा रहा था कुछ सचिवों को कई महीनों की सैलरी मिली तो इसको लेकर भी पंचायत सचिवों ने भूख हड़ताल भी की थी। वही विपक्ष ने इसका मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाया, जिसके बाद मंत्री ने बयान जारी किया।

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